पीसीएस प्री 2018 : नए सिरे से जारी होंगे रिजल्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए आदेश

Update: 2019-10-01 07:13 GMT

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पीसीएस प्री 2018 का परिणाम संशोधित कर नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है. जस्टिस विवेक चौधरी ने सरकार के उस फैसले को संविधान की मंशा के विपरीत मानते हुए ख़ारिज कर दिया, जिसमें प्रदेश की महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण दिया गया था. कोर्ट ने यह आदेश दिल्ली की एक अभ्यर्थी खुशबू बंसल की याचिका पर दिया.

याचिका में उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें सरकार ने 9 जनवरी 2017 को राज्य की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की थी. इससे राज्य की महिला अभ्यर्थियों को 20 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा था. जबकि अन्य राज्य की महिलाओं को सामान्य श्रेणी में रखा गया है. पीसीएस प्री 2018 का परिणाम इसी साल 30 मार्च को जारी किए गए थे.

सुनवाई के दौरान याची के वकील बी आर सिंह ने दलील दी कि सरकार का फैसला संविधान की मंशा के अनुरूप नहीं है. क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को ख़ारिज करते हुए परिणाम को नए सिरे से जारी करने की मांग की गयी. सरकार की तरफ से वकील अशोक शुक्ला ने कहा कि जनवरी 2017 की वयवस्था को जून 2019 में संशोधित कर उसे सम्पत कर दिया गया है. सरकार के इस दलील पर कोर्ट ने कहा की व्यवस्था जून में ख़त्म हुई है जबकि परिणाम 30 मार्च को घोषित हुए हैं. इसके बाद कोर्ट ने परिणाम को नए सिरे से घोषित करने का आदेश दिया.

आयोग ने कहा- आदेश का पालन होगा

उधर आयोग के सचिव जगदीश ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बारे में पता चला है, लेकिन अभी आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं है. कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसका पालन किया जायेगा. साथ ही मुख्य परीक्षा भी समय पर आयोजित की जाएगी.

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