नगर निगम ने शहर की साफ-सफाई का ठेका निजी कंपनी के हाथों में दिया

Update: 2019-01-04 13:20 GMT

लखनऊ  । नगर निगम ने शहर के 53 किलोमीटर मुख्य मार्ग की सफाई का ठेका निजी कंपनी मेसर्स लायन को दे दिया है। कंपनी चंड़ीगढ़ समेत कई शहरों में सफाई कर रही है। कंपनी मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन से भी सड़कों की सफाई करेगी। यह मशीन इस लिहाज से खास होगी कि उसमें सड़क पर पड़ा मलबा भी खींच कर आ जाएगा, जबकि अभी तक नगर निगम के पास मैकेनिकल मशीनों से सिर्फ धूल ही एकत्र हो पाती है। आस्ट्रेलिया में सड़कों पर सफाई करने वाली छोटी मैकेनिकल मशीनें भी लगाई जाएंगी।

नगर निगम ने पिछले दिनों 53 किलोमीटर में सफाई कराने का टेंडर निकाला था और देशभर की कंपनियों से ऑफर मांगे गए थे। चयनित कंपनी को नगर निगम प्रति किलोमीटर 1.05 लाख पांच सौ रुपये प्रतिमाह भुगतान देगी। अब नगर निगम चयनित इलाकों से अपने सफाई कर्मचारियों को हटा लेगी और कूड़ा प्रबंधन का काम दे रही इको ग्रीन को भी हटाया जाएगा। नगर आयुक्त डा.इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया दो तीन दिन में कंपनी मैनुअल काम चालू कर देगी। अगले सप्ताह से मैकेनिकल मशीनों से सफाई होगी। यह मशीनें रात-दिन सड़क पर चलेंगी। कंपनी को सरोजनीनगर के पास कान्हा उपवन के पीछे स्टोर बनाने की जगह दी गई है। इसके बाद शहर के 80 किलोमीटर भाग में भी सफाई को निजी कंपनी को दिया जाएगा।

यहां होगी सफाई

मेट्रो रूट ट्रांसपोर्टनगर से इंदिरानगर 23 किलोमीटर

अजरुनगंज से लारेंटों चौराहा, राजभवन मार्ग, विधान भवन मार्ग, कालिदास मार्ग, गौतम पल्ली, विक्रमादित्य मार्ग, त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज, राणा प्रताप मार्ग, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान मार्ग और पॉलीटेक्निक चौराहा।

यह कार्य करेगी कंपनी

सड़कों और नालियों की सफाई

कूड़ा प्रबंधन करना और नगर निगम की गाड़ियों तक उसे पहुंचाना

मरे पशुओं को उठाना और उनका निस्तारण करना

सड़क किनारे जंगली पौधों को काटना

आज से चालू होंगी नाइट स्वीपिंग मशीनें

नगर निगम शुक्रवार से कई इलाकों में रात में भी सफाई कराएगा। पहले चरण में यह सफाई महानगर से कपूरथला के बीच, लोहिया अस्पताल से हुसड़िया चौराहा और हैनीमैन चौराहे तक बर्लिंग्टन चौराहे से कैसरबाग चौराहे तक के अलावा कुछ अन्य इलाकों को शामिल किया गया है। हर रूट पर दो बड़े वाहन और आठ-आठ सफाई कर्मचारियों को लगाया गया है।

शहर की सफाई कितने हाथों में

इको ग्रीन कंपनी को घर-घर से कूड़ा एकत्र करने का ठेका दिया गया है लेकिन अभी कंपनी 40 वार्ड में ही ठीक से काम नहीं कर पा रही है। आसाम से आए लोग भी घर-घर से कूड़ा लेने के साथ ही सड़कों पर झाड़ू लगाने का काम कर रहे हैं। वह नगर निगम से अधिकृत नहीं हैं। कार्यदायी संस्था के 61 सौ सफाई कर्मियों को करीब 23 वार्ड में लगाया गया लेकिन इसके बाद भी सफाई पटरी पर नहीं आ रही है।

नगर निगम में सफाई कर्मी

नियमित 2300

संविदा (विभागीय) 912

कार्यदायी संस्था से 6000

यहां होगी सफाई

मेट्रो रूट ट्रांसपोर्टनगर से इंदिरानगर 23 किलोमीटर , अजरुनगंज से लारेंटों चौराहा, राजभवन मार्ग, विधान भवन मार्ग, कालिदास मार्ग, गौतम पल्ली, विक्रमादित्य मार्ग, त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज, राणा प्रताप मार्ग, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान मार्ग और पॉलीटेक्निक चौराहा।

सर्वेक्षण की तैयारियों में जुटा नगर निगम, चुनौतियां बहुत

लखनऊ: स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 चार जनवरी से चालू हो जाएगा लेकिन लखनऊ में स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए टीम कब आएगी? इसे लेकर संशय है। अधिकारियों का मानना है कि 20 जनवरी के बाद ही टीम यहां पहुंचेगी। गोपनीय तरह से होने वाले सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम ने सारे अभिलेख स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजने के साथ ही उसे ऑनलाइन शहरी एवं विकास मंत्रलय को भेज दिया है।

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