राहुल गांधी पर रक्षा मंत्री का पलटवारः राफेल खरीदना ही नहीं चाहती थी कांग्रेस

Update: 2019-01-04 11:47 GMT

लोकसभा में शुक्रवार को राफेल सौदे पर बहस हुई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं के सवालों के रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने जवाब दिए. आरोपों पर पलटवार करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा खतरे में थी लेकिन कांग्रेस की मंशा विमान खरीदने की नहीं थी.

रक्षा मंत्री ने कहा, ''मेरा आरोप है कि उनका इरादा विमान खरीदने का इरादा नहीं था. राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम था, लेकिन वे विमान नहीं खरीदना चाहते थे.''

सीतारमन ने कहा कि सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया गया. पहला विमान इस तिथि से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और शेष विमान 2022 तक आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया 14 महीने में पूरी कर ली गई. हमने 10 साल का समय नहीं लगाया.

वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोप पर जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भ्रमित नहीं किया. खड़गे ने आरोप लगाया था कि राफेल को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट में गलत हलफनामा दिया है.

रक्षा मंत्री ने कहा, 'एक कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा था कि उनकी पार्टी देश के रक्षा सौदों के बारे में विदेशी लीडर से बात नहीं करेगी. जबकि राहुल गांधी ने 20 जुलाई को संसद में कहा था कि उन्होंने रक्षा सौदे के बारे में फ्रांस के राष्ट्रपति से पूछा था और उन्होंने इससे इनकार किया था. ऐसे में कौन सच बोल रहा है? इनमें से कोई देश को भ्रमित कर रहा है. मुझे इसका सबूत चाहिए.'

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