आज है भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायक शहीद मंगल पांडेय की जयंती, जानें- उनसे जुड़ीं खास बातें

Update: 2018-07-19 02:12 GMT

 हिंदुस्तान ने 200 साल से ज्यादा अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी की. सोने की चिड़ियां कहने वाले इस देश में अंग्रेजों ने 'फूट डालो और शासन करों' की नीति से राजाओं में फूट डालकर अपनी सत्ता के जोर में देश की नींव को लगातार तेजी से खोखले करते जा रहे थे. अंग्रेजी हुकूमत से आजाद होने और खुली हवा में सांस लेने के साल 1857 में देश में पहली बार आजादी की मशाल रौशन करने वाले मंगल पांडेय को आज के ही दिन फांसी पर लटका दिया गया था.

शहीद स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय के साथ आजादी के ना जाने कितने परवानों ने हंसते-हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी थी. सभी का मकसद एक ही था अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त भारत. वह अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी जिंदगी देश के लिए न्यौछावर कर गए. जिससे देश में आने वाली पीड़ियां आजाद हवा में सांस ले सकें और अपने मुताबिक जी सकें. आठ अप्रैल का दिन इन्हीं को समर्पित हैं.

शहीद मंगल पांडे द्वारा ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला किए जाने के बाद उन्हें सजा में फांसी पर लटका दिया गया था, उस दिन की याद में भारत सरकार ने बैरकपुर में शहीद मंगल पांडे महाउद्यान के नाम से उसी जगह पर उद्यान बनवाया.

साथ ही सरकार ने उनके नाम और फोटो वाली स्टैंप को दिल्ली के मशहूर कलाकार सी. आर. पाकराशी से तैयार करवा 5 अक्टूबर 1984 को लागू किया.

भारत में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचे, इसलिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने आज यानी 8 अप्रैल के ही के दिन दिल्ली में सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था. कैलेंडर के हिसाब से 8 अप्रैल साल का 98वां दिन है

1857: ब्रिटिश भारत की बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडेय को फौजी अनुशासन भंग करने और हत्या करने के अपराध में फांसी पर चढ़ाया गया था.

1894 : भारत के राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का कलकत्ता में निधन हुआ था.


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