समाजवादी पार्टी में हारी हुई दर्जन भर सीटों पर तय होने के बावजूद प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो रही है।
पूर्व घोषित सीटों पर उम्मीदवार बदलने और सिंटिग विधायकों के टिकटों को लेकर घमासान के आसार हैं। सीएम 2017 के चुनाव के लिए टिकट वितरण का अधिकार चाहते हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह उन्हें फ्री हैंड देंगे, इसमें संदेह है।
सपा में पिछले 12 दिनों से चल रही उठापटक अभी थमने का नाम नहीं ले रही है। युवा संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन व इस्तीफों को छोड़ दें तो मुलायम परिवार या उनके नजदीकी लोगों के अलावा पार्टी का कोई भी नेता इस विवाद में खुलकर बोलने को तैयार नही है। अधिकतर विधायकों, मंत्रियों ने मौन साध रखा है।
अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर प्रदेश इकाई और जिला संगठनों में खामोशी है। यूं तो सपा मुखिया के दखल से सपा का पारिवारिक विवाद थम गया लगता है लेकिन अंदर ही अंदर आग धधक रही है। इसका प्रभाव पूरी पार्टी पर दिख रहा है। यही हाल रहा तो चुनावी संभावनाओं पर भी असर पड़ सकता है।
सपा में पिछले 12 दिनों से चल रही उठापटक अभी थमने का नाम नहीं ले रही है। युवा संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन व इस्तीफों को छोड़ दें तो मुलायम परिवार या उनके नजदीकी लोगों के अलावा पार्टी का कोई भी नेता इस विवाद में खुलकर बोलने को तैयार नही है। अधिकतर विधायकों, मंत्रियों ने मौन साध रखा है।
अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर प्रदेश इकाई और जिला संगठनों में खामोशी है। यूं तो सपा मुखिया के दखल से सपा का पारिवारिक विवाद थम गया लगता है लेकिन अंदर ही अंदर आग धधक रही है। इसका प्रभाव पूरी पार्टी पर दिख रहा है। यही हाल रहा तो चुनावी संभावनाओं पर भी असर पड़ सकता है।