यादव परिवार में सुलह के बाद अब शिवपाल और अखिलेश के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। परिवार तो एक हो गया लेकिन अब उनके समर्थक दो भागों में बंट गए हैं। शनिवार सुबह से सपा कार्यालय के बाहर एक ओर 'अखिलेश भइया जिंदाबाद' के नारे लगे वहीं दूसरे ओर शिवपाल के समर्थकों ने भी नारेबाजी की। इसी बीच अखिलेश यादव के समर्थकों ने शिवपाल के नेतृत्व में काम करने से इंकार कर दिया। इसी बीच शिवपाल और अखिलेश के समर्थकों को बीच मारपीट की नौबत आ गई। मुलायम सिंह से मिलने जा रहे शिवपाल यादव को युवा कार्यकर्ताओं ने घेरने की कोशिश की। इस बीच सुरक्षाकर्मियों से समर्थकों की जमकर धक्का-मुक्की हुई और शिवपाल को वहां से निकाला गया। कुछ समर्थक मुलायम सिंह का घर घेरने पहुंच गए जिन्हें सुरक्षाकर्मयों ने रोका तो उनके बीच तीखी झड़प हुई।
सपा के चारों युवा संगठनों ने ये संदेश मुलायम सिंह तक भेजा है। ये फैसला समाजवादी पार्टी के फ्रंटल अध्यक्षों ने लिया है।
युवाजन सभा, लोहियावाहिनी, मुलायम ब्रिगेड और छात्रसभा के नेता अखिलेश के समर्थक हैं। अखिलेश के समर्थक डिंपल और अखिलेश के पोस्टर लेकर उन्हें दोबारा अध्यक्ष पक्ष देने और उनके सम्मान की वापसी की मांग कर रहे हैंं।
समर्थकों का कहना है, नेताजी ने सबका सम्मान वापस दिलवाया तो उन्हें अखिलेश यादव का सम्मान भी वापस दिलवाना चाहिए। बता दें कि पार्टी और सरकार के बीच घमासान रोकने के लिए शुक्रवार को मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के सभी विभाग वापस करने की घोषणा की थी।
इसके साथ ही भ्रष्टाचार में बर्खास्त हुए गायत्री प्रजापति को भी मंत्री पद वापस दिए जाने की घोषणा की थी। हालांकि अभी तक ये नहीं तय हो पाया है कि प्रदेश अध्यक्ष का पद किसे दिया जाना है।