आपरेशन क्लीन से असंतुष्ट विपक्ष ने मांगा मुख्यमंत्री से इस्तीफा

Update: 2016-09-12 16:07 GMT
लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा भ्रष्टाचार व अन्य आरोपों में फंसे दो कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त करने से विपक्षी पार्टियां संतुष्ट नहीं है। कार्रवाई को अधूरी करार देते हुए विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री से त्यागपत्र देने की मांग की है।

बर्खास्तगी की नौटंकी से अब कुछ नहीं होने वाला : राम अचल

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने मंत्रियों की बर्खास्तगी को अखिलेश सरकार की नौटंकी करार देते हुए कहा कि जनता सब समझ रही है। राजभर ने कहा कि सपा सरकार हर क्षेत्र में फेल हो गई है। अब जनता की नजर में छवि सुधारने के लिए इस तरह की नौटंकी करने से कुछ नहीं होने वाला है क्योंकि प्रदेश की जनता अबकी चुनाव में इनके झांसे में आने वाली नहीं है। राजभर ने दावा किया कि चुनाव में जनता सपा सरकार को उखाड़ फेंकेगी और सत्ता में बसपा की वापसी होगी।

मुख्यमंत्री ने खुद को बचाने को किया बर्खास्तगी का नाटक : केशव

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने खुद को बचाने के लिए बर्खास्तगी का नाटक किया है। यह सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, वाली कहावत को चरितार्थ करने जैसा है। मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ थे तो हाईकोर्ट द्वारा खनन के भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों गए? मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों से बच नहीं सकते। केशव ने भाजपा में भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह नहीं होने की बात भी कही।

सुलतान को बचाने के लिए पियादों की बलि : राजबब्बर

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने दो मंत्रियों को बर्खास्त करने की कार्रवाई को छलावा बताया। आरोप लगाया कि सूबे के सुलतान को बचाने के लिए ही दो पियादों की बलि ली गयी। मुख्यमंत्री को सरकार की विदाई के समय भ्रष्टाचार नजर आया है। सरकारी सरंक्षण मिले बगैर इतने व्यापक स्तर पर अराजकता नहीं हो सकती है। छवि सुधार की कोशिश में लगी सपा अपने दामन को साफ नहीं कर सकेगी क्योंकि जनता ने प्रदेश में बड़े बदलाव का मन बना लिया है। बेहतर यही है कि मुख्यमंत्री नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दें और जनादेश प्राप्त करने के लिए जनता के बीच में जाएं।

भ्रष्टाचारियों को अब तक क्यों बचाया : डा. मसूद
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्रियों की बर्खास्तगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अखिलेश यादव जनता को बताए कि भ्रष्टाचारियों को अब तक क्यों बचाए रखा? सीबीआइ जांच के दबाव में मुख्यमंत्री ने मजबूरन मंत्रियों पर कार्रवाई का फैसला किया है। ऐसे निर्णय लेकर अपनी छवि को निखारने की उम्मीद लगा रही सपा को जनता सबक सिखाएगी। मसूद ने कहा कि लोकायुक्त ने बसपाकाल के कई मंत्रियों पर कार्रवाई की संस्तुति मुख्यमंत्री को की परंतु अब तक उन फाइलों का पता ही नहीं। इससे सिद्ध होता है कि सपा-बसपा दोनों भ्रष्टाचार की पोषक हैं।

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