इंसानियत शर्मसार: गरीब बाप के कंधे पर बेटे ने तोड़ दिया दम

Update: 2016-08-30 12:52 GMT
कानपुर: भारत में गरीबी का आलम यह है कि लोग अपनों की लाश कंधे पर ढोने को मजबूर हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले उड़ीसा की एक तस्वीर देखकर शायद आप अपने आंसू ना रोक पाए हो, जिसमे एक आदमी अपनी मृत पत्नी के शव को कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर तक ले गया था। ऐसा ही वाक्या कानपुर में देखने को मिला जहां एक बच्चे का इलाज करवाने के लिए पिता एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाता रहा लेकिन उसका इलाज नहीं हो सका जिसके बाद पिता के कंधे पर ही बेटे ने दम तोड़ दिया।
बाप के कंधे पर बेटे ने तोड़ा दम
जानकारी मुताबिक जहां फजलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले सुनील के बेटे अंश (12) को मामूली बुखार आया था। अंश के पिता सुनील उसको लेकर हैलट एमरजेंसी पहुंचे, लेकिन वंहा के डॉक्टरों ने उसको भर्ती करने के बजाए बाल रोग विभाग जाने को कह दिया। हैलट एमरजेंसी से बाल रोग विभाग की दूरी 250 मीटर है, लेकिन अस्पताल की तरफ से उसको स्ट्रेचर तक नहीं दिया। मजबूरन अपने अचेत बेटे को कंधे पर लेकर पिता यहां वहां भटकता रहा और आखिरकार मासूम ने दम तोड़ दिया। मेडिकल सेंटर वहां से करीब 250 मीटर दूर था।

अपनी किस्मत पर रोता रहा पिता
जब मरे हुए बेटे को लेकर पिता अस्पताल पहुंचे तो वहां के डॉक्टर ने बताया कि बच्चा इस संसार को अलविदा कह चुका था। लाचार पिता किसी को दोष देने की बजाय अपनी किस्मत पर रोता हुआ चुपचाप वहां से चला गया। इलाज का अभाव और मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने का हैलेट अस्पताल में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले ही ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं।

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