कानून का राज्य नहीं चाहती बीजेपी

Update: 2018-04-17 12:25 GMT
एससी-एसटी एक्ट को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार को जारी एक लिखित बयान में उन्होंने कहा कि एससी-एसटी का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद बीजेपी शासित राज्य सरकारों ने इसे कमजोर करने संबंधी आदेश जारी करने शुरू कर दिए हैं। यह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दलित विरोधी मानसिकता व पाखंड को दर्शाता है।
बसपा सुप्रीमो ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राज्य सरकारों द्वारा जारी आदेशों का हवाला देते हुए बीजेपी सरकार के काम की घोर निंदा की है। साथ ही राज्य सरकारों के इस कदम को अपनी ही केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के प्रति अविश्वास व्यक्त करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में समीक्षा याचिका दायर कर रखी है, तो इस एक्ट को लेकर राज्यों को आदेश जारी नहीं करने चाहिए।
मायावती ने कहा कि बीजेपी की राज्य सरकारों व केंद्र सरकार के बीच तालमेल की घोर कमी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एससी-एसटी एक्ट को उसके पुराने रूप में बहाल करने के लिए तत्काल अध्यादेश लाने की मांग की है।

हैदराबाद मक्का मस्जिद मामले में कोर्ट के फैसले पर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र सरकार देश में कानून का राज्य नहीं चाहती। केंद्रीय एजेंसियों को राजनीतिक स्वार्थ के तहत इस्तेमाल करने की जो नीति अपनाई गई है, वह देश में जंगलराज को बढ़ावा देने लगी है। अपने नेताओं के ऊपर से आपराधिक मामले वापस लेकर बीजेपी इतिहास का ऐसा काला अध्याय लिख रही है, जिसे कभी भी मिटाया नहीं जा सकेगा। मायावती ने इसके घातक परिणाम सामने आने की चेतावनी दी है।

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