यूपी के उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी....
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में नियुक्त चारो सदस्य उच्चत्तर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम में दी गई सदस्यों की न्यूनतम अर्हता नही रखते!
इनमें दो सदस्य ऐसे है जो इसी आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या 39 में प्राचार्य चयनित हुए थे जिस विज्ञापन में चयनित 156 प्राचार्यों को करुनानिधान उपाध्याय के मुकदमे द्वारा क्रमशः हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध और निरस्त कर दिया गया था!यही नही इसी आधार पर सपा सरकार में बने दो सदस्य अजब सिंह यादव और योगेंद्र द्विवेदी की नियुक्ति को महामहिम राज्यपाल द्वारा 6 अक्टूबर 2016 को निरस्त कर दिया गया था!
शेष 2 सदस्य वह है जो एसोसिएट प्रोफेसर है!
Guacta के PIL द्वारा जो 1 अध्यक्ष डॉ रामबीर यादव और 2 सदस्य रुदल यादव और अनिल कुमार सिंह(सपा सरकार में नियुक्ति) इसी अहर्ता के कारण क्रमशः हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाये जा चुके थे!
आखिर अखिलेश सरकार में इन्ही आयोगों के अध्यक्षो और सदस्यों के चयन के कारण और आयोग की नियुक्तियों को लेकर प्रदेश भर के युवाओं को सड़क पर उतरना पड़ा औऱ अखिलेश सरकार को अपनी गद्दी गवानी पड़ी!
आखिर यही काम योगी सरकार क्यो कर रही है!