सिचाई ससाधनो की हकीकत ,नाली विहीन टयूबवेल कर रहे खेतो की सिचाई

Update: 2018-02-03 09:53 GMT
हरदोई (लक्ष्मीकान्तपाठक) आजादी के बाद से अब तक किसानों के कल्याण की बडी बडी बाते सुनते चले आ रहे है लेकिन वास्तविकता इससे कोसो दूर खडी है।गत समाज वादी सरकार ने किसानों को मुफ्त सिचाई की बात कही और नहर नलकूप की आमपासी बन्द करने का आदेश दिया लेकिन इसमे चौकाने वाले तथ्य यह थे कि पर्याप्त सिचाई ससाधन होते हुये भी ये सब व्यवस्था के अभाव मे सफेद हाथी ही बने रहे परिणाम स्वरूप किसानों को मुफ्त सिचाई का लाभ ही प्राप्त नही हो सका।इधर 2017के आम चुनाव मे भाजपा ने प्रचण्ड बहुमत से सरकार बनाकर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया ।कुर्सी पर बैठते ही योगी जी ने किसानों के हित की बात शुरु की और सिचाई विभाग को तत्काल सिचाई ससाधन दुरुस्त कर किसानों को लाभ पहुंचाने के निर्देश दिये लेकिन सरकारी मुलाजिमों की जादुई आकडे बाजी ने फिर किसानों के हितो पर पानी फेर दिया।इसी क्रम मे हरदोई के तेजतर्रार डीएम पुलकित खरे ने अबिलम्ब खराब नलकूपो को चालू कराने के निर्देश दिये।लेकिन सिचाई विभाग ने कुछ नलकूप चालू तो करा दिये लेकिन नाली के अभाव मे किसानों के खेतो तक पानी ही नही पहुंच पा रहा है ऐसे मे नलकूप चालू का क्या अर्थ है ।सबसे मजे की तो यह है कि विभाग इतने पर भी आकडेबाजी करने से बाज नही आ रहा है।सूत्रों की माने तो गत 2017मे नलकूप सख्या 47स्थित ग्राम दमगढा की नाली निर्माण हेतु टेण्डर भी हुये लेकिन नाली कहाँ बनाई गयी इसका पता ही नही चल सका है।इस नलकूप के पडोसी काश्तकार शिवकिशोर का कहना है कि मेरे खेत मे पिछले 20सालो से पानी नही पहुचा है।इस नलकूप की नालियां पूरी तरह से जमीदोंज हो चुकी है जिनकी ईटो तक का पता नही रह गया है।जो थोडी नाली बची है वह पूरी तरह अवरुद्ध हो चुकी है जिससे पानी निकलना सम्भव नही है ।लेकिन हरदोई का सिचांई विभाग लगातार टयूब वेल चलबाकर किसानों को भरपूर सिचाई की सुविधा मुहैया करा कर कागजी घोडा दौडाने मे कोई कोर कसर छोडने को तैयार ही नही है। ऐसे मे सवाल तो यह उठता है कि सरकार निर्देश जारी कर लाभ देने की बात तो कहती है लेकिन यह जानने का प्रयास क्यो नही करती कि योजना का लाभ धरातल पर दिख भी रहा है कि केवल आकडेबाजी के बीच दम तोड़ रहा है।

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