अविवाहित लड़की को भी संपत्ति में लड़के के बराबर मिलेगा अधिकार, प्रस्ताव पर सहमति

Update: 2018-02-02 02:39 GMT
यूपी सरकार अविवाहित बेटी को बेटे के बराबर हक देने और उद्यमियों को निवेश के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए राजस्व संहिता में बदलाव करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संहिता में बदलाव से जुड़े प्रस्तावों पर सहमति दे दी है। कैबिनेट की अगली बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। इन्वेस्टर्स समिट से पहले निवेशकों की सहूलियत से जुड़े दो महत्वपूर्ण संशोधनों पर भी सहमति बन गई है।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के सामने राजस्व संहिता-2006 में संशोधन से जुड़े प्रावधानों का प्रजेंटेशन हुआ। इसमें अविवाहित लड़की को भी संपत्ति में लड़के के बराबर हिस्सा देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी। बताया गया कि राजस्व संहिता में वर्तमान में व्यक्ति की मृत्यु पर उसकी विधवा, पुत्र व अविवाहित पुत्री को संपत्ति में हक मिलता है। मगर, यदि खातेदार से पहले उसका बेटा मर गया है तो उसके पोते को तो संपत्ति में हक मिल जाता है लेकिन अविवाहित पोती को नहीं मिलता है।
इसी तरह यदि कोई नि:संतान मरता है और उससे पहले उसका भाई भी मर गया, तो उसकी संपत्ति भतीजे को तो ट्रांसफर हो जाती है लेकिन अविवाहित भतीजी को हिस्सा नहीं मिलता। संहिता में संशोधन कर इस विसंगति को दूर करने की तैयारी है।
इससे खाताधारक की संपत्ति अविवाहित पोते को जाने की दशा में अविवाहित पोती को भी और अविवाहित भतीजे को जाने की दशा में अविवाहित भतीजी को भी समान हक मिल सकेगा। बैठक में राजस्व परिषद के चेयरमैन प्रवीर कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चंद्रा उपस्थित थे।
निवेशकों की सहूलियत के लिए सीलिंग नियमों में होगा बदलाव
निवेशकों को इंडस्ट्री लगाने के लिए आसानी से जमीन मिल सके, इसके लिए सीलिंग से जुड़े प्रावधान बदले जाएंगे। अभी 12.5 एकड़ से अधिक जमीन खरीदने पर शासन से अनुमति लेनी पड़ती है। सरकार सीलिंग से अधिक जमीन होने पर खरीद की अनुमति देने का अधिकार डीएम व कमिश्नर को भी देगी। इससे निवेशकों को जमीन केलिए शासन तक अनावश्यक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इन्वेस्टर्स समिट से पहले सरकार यह महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है।
सभी के लिए खुलेगी कांट्रैक्ट फार्मिंग की राह
तीसरा महत्वपूर्ण संशोधन कांट्रैक्ट फार्मिंग से जुड़ा है। वर्तमान में शर्तों के साथ ही इसकी इजाजत है। मसलन, यदि पति की मृत्यु हो गई तो पत्नी कांट्रैक्ट (मौजूदा स्वरूप बटाई) पर खेती के लिए जमीन दे सकती है। इसी तरह यदि पति सेना में है तो पत्नी खेती के लिए दूसरे को जमीन दे सकती है। अभी चुनिंदा लोगों को यह सुविधा प्राप्त है। अब सरकार सभी को कांट्रैक्ट फार्मिंग की सुविधा देने पर विचार कर रही है। इससे किसान जहां अपनी आवश्यकता से अधिक खेत किसी को तय शर्तों पर देकर आय प्राप्त कर सकेगा, वहीं निवेशक ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत खेती के लिए किसानों से सहमति के आधार पर जमीन ले सकेंगे।

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