चंदौली महकमें को खुली चुनौती! रात 11:37 बजे तक बिक रही शराब, पुलिस चौकी के पास ही चल रहा "ठेका-बाजार"
विशेष रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग मोहम्मद अफजल...
चंदौली, मुगलसराय:कानून सबके लिए बराबर है — यह बात किताबी लगती है जब आप दुलहीपुर की उस अंग्रेजी शराब की दुकान का वीडियो देखते हैं, जहां रात 11:37 बजे तक खुलेआम शराब बेची जा रही है, जबकि नियम 10 बजे रात का आखिरी वक्त तय करते हैं।
विडंबना देखिए, यह दुकान पुलिस चौकी से महज़ 10 कदम की दूरी पर स्थित है। यानी कानून के तथाकथित रक्षक के सामने ही कानून की खुली नीलामी हो रही है और कोई उफ तक नहीं करता।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है— मुख्य शटर बंद है, लेकिन बगल से शराब की खिड़की खुली है। ग्राहक कतार में खड़े हैं, कुछ झगड़ भी रहे हैं, और पूरे इलाके की शांति किसी भी क्षण अशांति में बदल सकती है। क्या पुलिस को यह सब दिखाई नहीं देता? या फिर देखा जा रहा है लेकिन देखा-अनदेखा किया जा रहा है?प्रश्न उठना लाजिमी है कि जब वीडियो में समय और गतिविधि दोनों स्पष्ट हैं, तो पुलिस मौन क्यों है?क्या पुलिस चौकी के दस कदम दूर चल रही अवैध बिक्री की खबर उन्हें नहीं?या फिर यह 'मूक समर्थन' और 'सांठगांठ' का उदाहरण है?
जहां एक ओर अलीनगर पुलिस और आरपीएफ शराब तस्करी पर कार्रवाई का दावा करती हैं, वहीं शहर के बीचों-बीच, चौकी के सामने, सरकारी नियमों की ऐसी धज्जियां उड़ती दिखें, तो यह पूरी व्यवस्था के मुंह पर तमाचा नहीं तो और क्या है?
यह मामला सिर्फ दुकान के समय का नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुस्ती, मिलीभगत और जनसुरक्षा से खिलवाड़ का है। रात के अंधेरे में ऐसी दुकानों से बिक रही शराब किसी हादसे या अपराध का कारण भी बन सकती है।क्या शासन-प्रशासन इस वीडियो को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करेगा?या फिर यह वीडियो भी कुछ दिनों में 'फॉरवर्डेड मैसेज' बनकर भुला दिया जाएगा?