जिला मुख्यालय की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था: मरीज और तीमारदारों की बढ़ी परेशानियाँ

Update: 2025-07-09 05:18 GMT


अनवार खाँ मोनू

बहराइच। जिला मुख्यालय पर स्थित मेडिकल कॉलेज एवं उससे संबद्ध अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल दिन पर दिन बदतर होता जा रहा है। दूर-दराज़ से इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके साथ आने वाले हजारों तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मरीजों की बढ़ती संख्या, सीमित संसाधन और लचर प्रबंधन की वजह से हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि मरीजों को घंटों लाइन में खड़े रहकर पंजीकरण, जांच और इलाज का इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो डॉक्टरों की अनुपलब्धता के चलते मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है।

जांच में अनावश्यक देरी, इलाज में लापरवाही

मेडिकल कॉलेज में हर दिन सैकड़ों मरीज जांच के लिए आते हैं, लेकिन भारी-भरकम जांच प्रक्रिया और लंबी कतारों की वजह से उन्हें कोई ठोस राहत नहीं मिलती। जांच रिपोर्ट मिलने में अनावश्यक देरी हो जाती है, जिससे इलाज में भी बाधा उत्पन्न होती है।

स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और डॉक्टर मरीजों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। आरोप है कि जब कोई मरीज या उसका परिजन डॉक्टरों की मनमानी और लापरवाही का विरोध करता है, तो उन्हें बिना उचित इलाज के ही दूसरे अस्पताल में रिफर कर दिया जाता है।

कई चेतावनियों के बाद भी कोई सुधार नहीं

उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक द्वारा कई बार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सख्त निर्देश दिए गए और चेतावनियां भी जारी की गईं। बावजूद इसके, अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हो सका है। न तो डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई गई और न ही मूलभूत सुविधाओं में कोई इजाफा किया गया।

बरसात में बढ़ी संक्रामक बीमारियां, विभाग बेखबर

बरसात शुरू होते ही मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य वायरल बुखार जैसे संक्रामक रोगों में तेजी से वृद्धि हुई है। गांव और शहर दोनों ही क्षेत्रों में इन रोगों के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा न तो कोई विशेष अभियान चलाया जा रहा है और न ही कोई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इससे संक्रमण के मामलों में और अधिक बढ़ोतरी की आशंका व्यक्त की जा रही है।

इस संबंध में प्रखर समाज सेवी सीताराम का कहना है कि ठोस कार्रवाई कर मरीजों को राहत प्रदान की जावे

स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भारी आक्रोश है। सभी की यही मांग है कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द इस गंभीर समस्या का समाधान करें। अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टरों की तैनाती की जाए, जांच और इलाज की प्रक्रिया को सरल एवं त्वरित बनाया जाए और बरसात के मौसम को देखते हुए संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाए जाएं।

यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं। प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और उनकी समस्याओं का संवेदनशीलता से समाधान किया जाए।

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