राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भाषण में मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया. कोविंद के भाषण की खास बातें.
उन्होंने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि आर्थिक और सामाजिक स्तर पर लोकतंत्र लाए बगैर राजनीतिक लोकतंत्र को स्थिर नहीं किया जा सकता. 2018 का साल नए भारत के सपने को साकार करने के लिए है.
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा, "मेरी सरकार कमजोर वर्गों के लिए समर्पित है. मेरी सरकार संविधान में निहित मूलभावना पर चलते हुए देश में सामाजिक न्याय तथा आर्थिक लोकतंत्र को सशक्त करने और आम नागरिक के जीवन को और आसान बनाने के लिए कार्य कर रही है. सरकार ने वंचित और सुविधाओं से वंचित महिलाओं को गैस कनेक्शन से जोड़ने की योजना बनाई और अब तक 3 करोड़ 30 लाख से ज्यादा महिलाओं को इस योजना से गैस कनेक्शन दिए गए."
"मुस्लिम महिलाओं की सुधार के लिए तीन तलाक बिल संसद में पेश किया गया है और उम्मीद है कि इस सत्र में यह बिल कानून बन जाएगा."
"यह हमारा कर्तव्य है कि 2019 में जब हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए जाएं तो उस समय तक देश को पूरी तरह स्वच्छ भारत बनाकर उन्हें अपनी ओर से सम्मान दें."
राष्ट्रपति ने कहा कि कामकाजी महिलाओं को 12 हफ्ते की जगह 26 हफ्ते की मातृत्व अवकाश मिलेगा वेतन सहित दिया जाएगा.
"गरीबों की पीड़ा को देखते हुए उनके लिए जन-धन योजना के तहत खाते खोलने की योजना बनाई गई और इस योजना के जरिए 21 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए. इस योजना से पहले गरीबों के खाता खोलने की दर 28 फीसदी थी जो बढ़कर 40 फीसदी हो गई."
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा, "मेरी सरकार द्वारा बेटियों के साथ भेदभाव खत्म करने के लिए'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'योजना शुरू की थी. इस योजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए अब इसका दायरा 161 जिलों से बढ़ाकर 640 जिलों तक कर दिया गया है."
"सरकार सामाजिक न्याय के लिए काम कर रही है."