लखनऊ : नगरीय निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर पनपे असंतोष को शांत करने के प्रयास शुरू हो गए है। समाजवादी पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक आहूत कर प्रमुख नेताओं व प्रत्याशियों को जीत का मंत्र दिया। लखनऊ नगर निगम में टिकट नहीं पा सकें करीब 40 नेताओं से अलग अलग वार्ता की और उचित समायोजन करने का आश्वासन देते हुए चुनाव तैयारी में जुटने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों को पूरी गंभीरता से लें क्योंकि इनका संदेश बहुत महत्वपूर्ण होगा। इन चुनावों से ही मिशन 2019 लक्ष्य के करीब भी पहुंच सकेंगे। उन्होंने समाजवादी सरकार की पांच वर्ष की उपलब्धियों को घर-घर पहुंचाने केसाथ बूथ और वार्ड स्तर पर पुख्ता इंतजाम करने को कहा। लखनऊ में महापौर पद की उम्मीदवार मीरावर्धन के अलावा अहमद हसन, नरेश उत्तम, संजय सेठ, राजेंद्र चौधरी, अभिषेक मिश्र, एसआरएस यादव व डा. मधु गुप्ता भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर केंद्र व प्रदेश सरकार को बेनकाब किया जाए। जनता के बीच संदेश दिया जाए कि विकास केवल समाजवादी सरकार करा सकती है। सपा के विरुद्ध भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब दिया जाए। उप्र की खराब कानून व्यवस्था, नोटबंदी व जीएसटी के कारण उत्पन्न समस्याएं ही भाजपा के पतन का कारण बनेगी। सपा काल की जनकल्याणकारी योजनाएं बंद करने को भी मुद्दा बनाने को कहा।
बाहरियों को तरजीह पर उठे सवाल : टिकट बंटवारे में पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मुद्दा भले सीधे तौर पर नहीं उठ पाया परंतु घुमा फिरा कर असंतोष नजर आया। पूर्व मुख्यमंत्री ने टिकट कटने वाले करीब 40 नेताओं से अकेले में वार्ता कर उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता को सर्तक रहना होगा वरना माहौल बिगाड़ने की साजिशें कामयाब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विकास का बुनियादी ढांचा सपा शासन में खड़ा होना और अब भाजपा के झूठे प्रचार से मतदाताओं को सचेत करना होगा बैठक में फाकिर सिद्दीकी, पूर्व सांसद सुशीला सरोज, जरीना उस्मानी, अरविन्द कुमार सिंह, सुनील 'साजन, डा. राजपाल कश्यप, गोमती यादव व अपूर्वा वर्मा आदि भी उपस्थित थे।