आगरा सम्मेलन में सपा के संविधान में ये महत्वपूर्ण संशोधन हुए

Update: 2017-10-05 14:35 GMT
लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव की घोषणा के अनुरूप सपा खुद को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने के लिए अब राज्यों में संगठन मजबूत करने में जुटेगी। सम्मेलन में इसके लिए पार्टी संविधान में कई संशोधन किए गए। संगठन में प्रमुख महासचिव का नया पद शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर यह पद प्रो. राम गोपाल यादव के लिए होगा और उनका कद बढ़ेगा।
राज्य स्तरीय संगठन में अब अध्यक्ष सहित 101 सदस्यीय कार्यकारिणी होगी। पहले 51 सदस्य हुआ करते थे। इसमें तीन उपाध्यक्ष, एक प्रमुख महासचिव, तीन महासचिव और एक कोषाध्यक्ष और 25 सचिव होंगे। साथ ही सक्रिय सदस्यों के लिये एक हजार रुपये जमा करने की व्यवस्था को भी खत्म किया गया।
सदस्यता शुल्क 20 रुपये निर्धारित किया गया। सक्रिय सदस्य उन्हें ही बनाया जाएगा जो पचास सदस्य बनाएंगे। राम गोपाल ने संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एक उपाध्यक्ष, दो प्रमुख महासचिव, दस महासचिव, एक कोषाध्यक्ष और 25 सचिव होंगे। संसदीय बोर्ड में अध्यक्ष समेत नौ सदस्य होंगे। समाजवादी चिकित्सा प्रकोष्ठ का भी गठन किया गया है। संविधान में संशोधन कर राष्ट्रीय कार्यकारिणी को यह अधिकार भी दिया गया है कि वह राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित होने की प्रत्याशा में कोई निर्णय ले सकती है। प्रकोष्ठों में दो उपाध्यक्ष और एक महासचिव होगा। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष को कार्यकारिणी के चुनाव का अधिकार भी दिया गया।

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