संजय खान पर मेहरबान यूपी सरकार, थीम पार्क से पहले रियायतों की बरसात

Update: 2016-05-20 01:39 GMT
फिल्म अभिनेता एवं निर्देशक संजय खान के प्रस्तावित दुनिया के सबसे बड़े थीम पार्क पर यूपी सरकार पूरी तरह से मेहरबान है। पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने रियायतों की बरसात कर दी है। सरकार ने भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में स्टांप ड्यूटी पर शत प्रतिशत छूट के साथ-साथ पार्क के संचालन को भी 15 वर्ष तक मनोरंजन कर से मुक्त रखा है।
गौरतलब है कि संजय खान कुबेरपुर के पास करीब 1000 एकड़ भूमि पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत से सिटी थीम पार्क का निर्माण करेंगे। इस परियोजना के लिए यूपीएसआईडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम) को नोडल एजेंसी बनाया गया है। 2013 से योजना पर काम शुरू हुआ था लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

अब सरकार योजना को लेकर गंभीर हुई है और जल्द इस पर काम शुरू कराना चाहती है। योजना को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने प्रमुख सचिव पर्यटन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है जिसमें प्रमुख सचिव/सचिव संस्कृति विभाग, प्रमुख सचिव शहरी नियोजन और प्रबंध निदेशक यूपी पर्यटन विकास निगम को सदस्य बनाया गया है। यह टीम सभी बाधाओं को दूर करेगी।

परियोजना पर जल्द काम शुरू हो इसलिए सरकार ने भूमि के हस्तांतरण पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट दी है। इसके साथ ही प्रोजेक्ट के निर्माण की अवधि 10 वर्ष (जो भी कम हो) में आयातित की जाने वाली निर्माण सामग्री पर लगने टैक्स फ्री कर दिया है।



स्टांप शुल्क से लेकर मनोरंजन कर तक कर दिया गया है माफ


ये रियायत भी देगी सरकार 
- परियोजना के संचालन की तिथि से 15 वर्ष तक नहीं लगेगा मनोरंजन कर
- पार्क पर संचालन तिथि से 15 वर्ष तक सुध साधन टैक्स भी नहीं लगेगा
- थीम बेस्ड माल की 300 एकड़ भूमि की बाध्यता भी कर दी गई है समाप्त
- व्ययों पर सेंटेज चार्ज के रुप में महज एक प्रतिशत धनराशि भारित होगी
- भागीदारी सीमा आवश्यक भूमि की लागत के अधिकतम सीमा 20 प्रतिशत के स्थान पर न्यूनतम 20 प्रतिशत किया गया

थीम पार्क के भविष्य पर कारोबारी सशंकित
सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के दम पर शहर के पर्यटन कारोबारियों ने अच्छे दिन आने का सपना संजोना शुरू कर दिया है। आगरा होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर एसोसिएशन ने भी सरकार से थीम पार्क के जल्द निर्माण की मांग रखी थी। लेकिन पिछले तीन वर्ष से प्रोजेक्ट पर कोई काम शुरू नहीं हो सका है। अब जब प्रदेश में चुनावी बिसात बिछ चुकी है तब सरकार ने योजना को हरी झंडी दी है। इससे पर्यटन कारोबारी सशंकित है कि चुनाव के बाद योजना का क्या होगा।


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