48 घंटे में डकैती की दूसरी वारदात से दहली राजधानी लखनऊ, 3 महीने में 6 वारदात

Update: 2017-07-13 11:21 GMT
बीते 3 महीने में डकैती की छठी वारदात ने राजधानी लखनऊ को दहलाकर रख दिया है. वहीं बीते 48 घंटों में डकैती की दूसरी वारदात ने राजधानी के ट्रांसगोमती इलाके में बदमाशों के बुलंद हौसले की तस्वीर का सामने ला दिया है.
मंगलवार को पीजीआई में नौकरीपेशा दंपत्ति को लूटने के बाद बदमाशों ने गोमतीनगर में एक दूसरे रिटायर्ड अफसर के डर डकैती की वारदात को अंजाम दिया.
बदमाशो के बुलंद हौसले का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो माह पहले गोमतीनगर के जिस इलाके में डकैती पड़ी थी, बीती रात उसी इलाके को निशाना बनाया गया. इस बार निशाना यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी एमसी द्विवेदी का पड़ोसी शिकार बना.
3 महीने में गोमतीनगर, पीजीआई में डकैती की 6 वारदातें हो चुकी हैं. लेकिन खुलासा किसी का नहीं हो सका है. एक ही इलाके में डकैती की दूसरी वारदात से पुलिसिंग पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
9 मई की रात गोमतीनगर के विवेकखंड 1 में बदमाशों ने प्रापर्टी डीलर चमन लाल दिवाकर के घर को निशाना बनाया था, फिर उसी विवेकखंड 1 के मकान नंबर 128 में रहने वाले विकास कुमार पांडे के घर को बदमाशों ने निशाना बनाया गया है. आधा दर्जन से अधिक नकाबपोश बदमाश ग्रिल काटकर घर में घुसे और परिवार को बंधक बनाकर मारपीट शुरू कर दी.
घर के मुखिया ने विरोध किया तो उन पर चाकू से हमला कर दिया. बेटे ने विरोध किया तो उसके सिर पर देसी कट्टे की बट मार दी.
2 दिन पहले ही पीजीआई के साउथ सिटी में नौकरीपेशा दंपत्ति के साथ वारदात हुई तो इससे पहले पीजीआई के ही वृंदावन कालोनी में बीते जून में डकैती की 2 वारदाते हो गई. पीजीआई के अलावा गोमतीनगर में विवेकखंड और विरामखंड में रेलवे लाइन किनारे बसी पाश कालोनियों को निशाना बनाया जा चुका है.
वहीं पुलिस अफसर अफसर लगातार डकैती पर दावा कर रहे हैं वारदात का जल्द खुलासा होगा, जिसके लिये एसटीएफ तक लगाई गई है.

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