पियक्कड़ों ने बिहार के CM को लिखा खुला खत, आप भी हंसी नहीं रोक पाएंगे

Update: 2016-08-11 19:47 GMT

श्रीमान जी,
निवेदन यह है कि हम सब पक्के पियकर हैं. नशे में हम खुश रहते थे और अब जबकी होश में हैं तो हमें अपनी गरीबी का एहसास होता है और जब बेहोश रहते थे तो लगता था कि जैसे हम दुबई के कोई अमीर शेख हों और स्टेट के साथ-साथ हमारा भी विकास हो रहा है. आपने जब से अपने स्टेट में शराब बंद किये हैं, हमारे कार्यालय के कार्यो पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है. और अब नोकरी करना बहुत ही मुश्किल हो गया है.
पहले तो जिस दिन छुट्टी चाहिये होती थी उसदिन बॉस के केबिन के बाहर खड़े होकर गालियां देने लगते थे और बॉस सोचते थे कि नशे में है और ऑफिस की गाड़ी से ही हमें घर छुड़वा दिया जाता था. और दो-चार दिन हमें होश नहीं आता था. यही नहीं दारू के कारण बीवी की चकपक भी कम ही सुनने को मिलती थी. दारू बंद हो जाने से स्टेट में अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या में भारी कमी आ गई है और कई टैलेंटेड लोग इस तरह से खत्म हो रहे हैं.

साथ ही शादी इत्यादि में नाचने वालों की संख्या में भी काफी कमी आ गई है, और तो और नागिन डांस तो दुर्लभ हो गई है. यहीं नहीं हमने तो आपको वोट भी दारू पीकर ही दिया था. होश में है तो क्या पता अगले चुनाव में गड़बड़ी हो सकती है और होश में हम कोई दूसरा बटन भी दबा सकते हैं.

अतः श्रीमान से सादर निवेदन है कि दारू पुनः प्रारंभ करें. इतनी जरूरी चीज के लिए इस तरह की असहिष्णुता बरदाश्त नहीं की जाएगी. फिर भी आप नहीं माने तो हमें आउट ऑफ स्टेट जाकर नशा करना पड़ेगा और हम नहीं चाहते कि आपके लोग दारू के लिए स्टेट से बाहर जाएं, क्योंकि हम चले गए तो फिर आपको वोट कौन देगा.

आपका  विश्वासपात्र
समस्त सम्माननीय पियक्कड़ गण.

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