भारतीय नौसेना की ऐतिहासिक समुद्री पहल : पोरबंदर से ओमान तक कौंडिन्य की पहली महासागरीय यात्रा

Update: 2025-12-29 08:17 GMT


रिपोर्ट : विजय तिवारी

भारत की समृद्ध समुद्री विरासत और प्राचीन नौकायन परंपरा को वैश्विक मंच पर पुनः प्रतिष्ठित करने की दिशा में भारतीय नौसेना ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। नौकायन पोत कौंडिन्य की पहली ट्रांसओशियनिक (महासागरीय) समुद्री यात्रा का शुभारंभ फ्लैग-ऑफ सेरेमनी के साथ पोरबंदर (गुजरात) से किया गया। यह यात्रा पोरबंदर से ओमान तक निर्धारित है, जो भारत के प्राचीन समुद्री मार्गों और ऐतिहासिक वैश्विक संपर्कों की जीवंत पुनरावृत्ति मानी जा रही है।

यह अभियान केवल एक नौसैनिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत की उस गौरवशाली समुद्री चेतना का प्रतीक है, जिसके माध्यम से सदियों पूर्व भारतीय नाविकों, व्यापारियों और विद्वानों ने अरब सागर और हिंद महासागर के विस्तृत जलक्षेत्र में साहसिक नौकायन कर दूर-दराज़ के देशों से व्यापार, संस्कृति और ज्ञान का आदान-प्रदान किया था। कौंडिन्य नाम स्वयं प्राचीन भारतीय समुद्री परंपरा से प्रेरित है, जो भारतीय इतिहास में साहस, खोज और समुद्री दक्षता का प्रतिनिधित्व करता है।

भारतीय नौसेना के अनुसार, इस महासागरीय यात्रा का उद्देश्य पारंपरिक नौकायन कौशल को आधुनिक नेविगेशन, समुद्री सुरक्षा मानकों और प्रशिक्षण पद्धतियों के साथ जोड़ना है। इस अभियान के दौरान नौसैनिकों को खुले समुद्र में दीर्घकालिक संचालन, बदलते मौसम, समुद्री धाराओं और अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों में नेविगेशन का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा, जो भविष्य की नौसैनिक तैयारियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।

पोरबंदर से ओमान तक की यह यात्रा भारत और ओमान के बीच ऐतिहासिक समुद्री एवं सांस्कृतिक संबंधों को भी नई मजबूती प्रदान करेगी। प्राचीन काल से ही दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापारिक संपर्क, समुद्री आवाजाही और सांस्कृतिक प्रभाव देखने को मिलते रहे हैं। यह अभियान उन ऐतिहासिक रिश्तों को आधुनिक संदर्भ में पुनर्जीवित करने का प्रयास है।

नौकायन पोत कौंडिन्य की यह पहली ट्रांसओशियनिक यात्रा भारत की समुद्री विरासत, सांस्कृतिक आत्मविश्वास और वैश्विक संपर्क को सशक्त बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी और प्रेरणादायक पहल के रूप में दर्ज की जा रही है। यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों को भारत के गौरवशाली समुद्री इतिहास से जोड़ने के साथ-साथ आधुनिक भारत की समुद्री क्षमता का भी प्रभावी संदेश देती है।

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