विकसित भारत – रोज़गार व आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम : किसानों और श्रमिकों के हित में ऐतिहासिक पहल

Update: 2025-12-23 13:23 GMT

रिपोर्ट : विजय तिवारी

नई दिल्ली।

विकसित भारत–रोज़गार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम : किसानों-श्रमिकों के लिए मज़बूत सुरक्षा कवच

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित भारत–गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम को ग्रामीण भारत के लिए दूरगामी प्रभाव वाला ऐतिहासिक कानून बताया है।

उन्होंने कहा कि यह अधिनियम किसानों और ग्रामीण श्रमिकों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा को सुदृढ़ करते हुए सरकार के “विकसित भारत” लक्ष्य की दिशा में ठोस आधार तैयार करता है।

मंत्री के अनुसार, इस अधिनियम में किसानों और श्रमिकों के कल्याण को केंद्र में रखते हुए व्यापक और ठोस प्रावधान किए गए हैं।

कानून का उद्देश्य केवल रोज़गार उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि आजीविका के टिकाऊ अवसर सृजित करना भी है, ताकि ग्रामीण परिवारों की आय में निरंतरता बनी रहे। इसके तहत कृषि आधारित कार्यों, ग्रामीण परिसंपत्तियों के निर्माण, जल-संरक्षण, सिंचाई, भूमि सुधार और बुनियादी ढांचे से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि नया अधिनियम पहले से लागू महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को और अधिक मज़बूत करता है। मनरेगा के अनुभवों को आधार बनाकर इसमें काम की गुणवत्ता, समयबद्ध कार्य आवंटन और पारदर्शी भुगतान व्यवस्था पर विशेष ज़ोर दिया गया है।

इससे ग्रामीण श्रमिकों को समय पर मज़दूरी मिलने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर अधिक उपयोगी और टिकाऊ कार्य उपलब्ध होंगे।

अधिनियम के तहत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को खेत-आधारित और सहायक गतिविधियों से सीधे लाभ मिले। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि अवसंरचना, भंडारण, जल प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से जुड़े कार्यों को बढ़ावा देकर किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, स्थानीय कौशल विकास और स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर महिलाओं और युवाओं के लिए भी रोज़गार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे।

केंद्र सरकार का मानना है कि विकसित भारत–रोज़गार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगा। इससे न केवल गांवों में रोज़गार की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि शहरों की ओर होने वाले पलायन में भी कमी आएगी।

सरकार के अनुसार, यह कानून किसानों और श्रमिकों को सम्मानजनक जीवन, आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

Similar News