कुशीनगर : पटहेरवा थानाक्षेत्र के हतवा गांव निवासी एक मानसिक विक्षिप्त युवक की पत्नी ने उच्चाधिकारियों को सौंपे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसके पति को बाइक लिफ्टर बता कर जेल भेज दिया है। पुलिस का गुडवर्क के चक्कर में कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ हैं। पीड़िता ने पुलिस के अमानवीय कृत्य की उच्चस्तरीय जांच की की हैं। शिकायत के मुताबिक उक्त गांव निवासी वर्मा प्रसाद (36) पुत्र स्व. लक्ष्मण प्रसाद तीन साल से मानसिक रूप से बीमार हैं। कुछ माह तक ग्रामीणों के सहयोग से पत्नी रीता देवी ने इलाज कराया। बाद में गरीबी व धन के अभाव में इलाज बंद हो गया तो वर्मा पागल होकर पटहेरवा, फाजिलनगर, सेवरही आदि कस्बों में घूमता रहता था। पत्नी तथा ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उसे फाजिलनगर से चोर होने के शक में पकड़ा व थाने पर तीन दिन तक बैठाये रखी। 20 नवंबर कोएक अन्य आरोपित के साथ बाइक चोरी व चाकू दिखाकर जेल भेज दिया। अमलेश तिवारी, इजहार खां, अलिउल्लाह, साबिर खां, एजाज अहमद आदि ग्रामीणों के हस्ताक्षरयुक्त शिकायती पत्र में उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है। सीओ फूलचंद कन्नौजिया ने कहा कि वह मानसिक विक्षिप्त नही चोर हैं। किसी को पागल कहने से वह पागल नही माना जाता हैं। जब तक उसके पास मेडिकल साक्ष्य न हो।