कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच मनाया गया।

Update: 2020-08-01 16:14 GMT

आजमगढ़  

कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) शनिवार को सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूरे जिले में मनाया गया। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार लोगों ने अपने घरों में नमाज अदा की। ईदगाह व मस्जिदों पर पुलिस का पहरा भोर से ही लगा हुआ था। संपूर्ण लॉकडाउन के चलते शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की बाजारों की सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ था। वहीं प्रशासन की रोक के चलते सामूहिक कुर्बानी भी नहीं हुई।

मुस्लिम समुदाय के बीच बकरीद को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह देखने को मिला। बच्चों से लेकर बड़े तक नए कपड़े पहन कर त्योहार की खुशियां मनाते हुए नजर आए। मस्जिदों में पांच से अधिक लोगों को नमाज अदा करने की इजाजत प्रशासन की ओर से नहीं थी। इसके चलते घरों पर बकरीद की नमाज अदा की। नमाजियों ने अमन-चैन को कायम रखने के साथ ही कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने के लिए अल्लाह ताला से दुआ मांगी। नमाज के बाद अधिकतर लोग हाथ मिलाने व गले मिलने के रिवाजों से दूर नजर आए। शहर के बदरका स्थित ईदगाह, आसिफगंज स्थित जामा मस्जिद समेत अन्य प्रमुख मस्जिदों के साथ ही बाजारों के तिराहे, चौराहों पर भी भोर से ही फोर्स तैनात रही। प्रशासन की सख्ती के चलते इस बार लोगों ने अपने घरों पर ही कुर्बानी दी। पुलिस व प्रशासन के सभी अधिकारी भी अपने अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर सुबह से ही स्थिति पर नजर रखे हुए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पाबन्दियों के बीच बकरीद की नमाज अदा की गई। अधिकतर लोगों ने घरों में नमाज अदा की और उसके बाद नियमों का पालन करते हुए कुर्बानी की रस्म पूरी की।

रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़

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