प्रख्यात पखावज वादक पं. राज खुशीराम जी के निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।
अयोध्या घराने के विख्यात पखावजाचार्य स्वामी पागल दास जी के शिष्य के रूप में उन्होंने गुरु-परंपरा को गरिमा प्रदान की। साथ ही लखनऊ घराने के महान कथक गुरु पं. लच्छू महाराज जी की पटशिष्या, सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना कपिला राज जी के जीवनसाथी के रूप में उनका सांस्कृतिक योगदान और भी व्यापक रहा।
आज रात सांस लेने में तकलीफ़ के कारण उनका देहावसान हो गया। उनका जाना संगीत-साधना की एक सशक्त धारा का मौन हो जाना है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकसंतप्त परिवार, शिष्यों एवं संगीत-जगत को यह गहन दुःख सहने की शक्ति दें।
ॐ शांति।