IIT कानपुर के 2000 बैच के पूर्व छात्रों का ऐतिहासिक योगदान- ₹100 करोड़ का सहयोग, भारतीय शिक्षा जगत में अलुमनी सहभागिता का नया अध्याय

Update: 2025-12-29 06:27 GMT

रिपोर्ट : विजय तिवारी

कानपुर।

देश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक उल्लेखनीय और प्रेरणादायी पहल के तहत Indian Institute of Technology Kanpur (IIT कानपुर) के वर्ष 2000 बैच के पूर्व छात्रों ने संस्थान को ₹100 करोड़ का सहयोग देने की घोषणा की है। यह घोषणा भारतीय शैक्षणिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है, क्योंकि किसी भी शैक्षणिक संस्थान को पूर्व छात्रों द्वारा दी गई यह अब तक की सबसे बड़ी सामूहिक आर्थिक सहायता है।

बहुआयामी विकास में होगा उपयोग

पूर्व छात्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली यह राशि चरणबद्ध तरीके से संस्थान के शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार से जुड़े प्रमुख क्षेत्रों में उपयोग की जाएगी। इसमें अत्याधुनिक रिसर्च लैब्स का विस्तार

उभरती तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लीन एनर्जी, सेमीकंडक्टर, बायोटेक्नोलॉजी और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े अनुसंधान

आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और फेलोशिप

स्टार्टअप और इनक्यूबेशन सेंटर को सशक्त बनाना

डिजिटल और भौतिक अधोसंरचना का आधुनिकीकरण

जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।

वैश्विक मंच पर संस्थान को मजबूती

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस सहयोग से IIT कानपुर को वैश्विक रैंकिंग, अंतरराष्ट्रीय शोध साझेदारियों और उद्योग-संस्थान सहयोग में नई मजबूती मिलेगी। इससे छात्रों को न केवल उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर के शोध और नवाचार से सीधे जुड़ने का अवसर भी प्राप्त होगा।

2000 बैच की सामाजिक प्रतिबद्धता

IIT कानपुर का वर्ष 2000 बैच आज देश और दुनिया में टेक्नोलॉजी, कॉरपोरेट, स्टार्टअप, नीति-निर्माण और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली भूमिकाओं में कार्यरत है। सामूहिक रूप से ₹100 करोड़ का योगदान देने का निर्णय इस बात का प्रमाण है कि पूर्व छात्र अपने संस्थान की जड़ों से गहराई से जुड़े हुए हैं और समाज को लौटाने की भावना रखते हैं।

संस्थान और शिक्षा जगत की प्रतिक्रिया

संस्थान प्रशासन ने इस ऐलान का स्वागत करते हुए इसे पूर्व छात्रों और संस्थान के बीच मजबूत विश्वास और साझेदारी का प्रतीक बताया है। शिक्षा जगत में इस पहल को भारत में अलुमनी सहभागिता की संस्कृति को सुदृढ़ करने वाला कदम माना जा रहा है, जिससे अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी अपने पूर्व छात्रों से इस प्रकार के सहयोग के लिए प्रेरणा मिलेगी।

प्रेरणादायी मिसाल

विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहल यह संदेश देती है कि उच्च शिक्षा संस्थान केवल डिग्री देने के केंद्र नहीं होते, बल्कि वे ऐसे मंच होते हैं जो व्यक्तित्व, नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी का निर्माण करते हैं। IIT कानपुर के 2000 बैच का यह योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए समर्पण, सहयोग और राष्ट्र निर्माण की भावना को मजबूत करेगा।

₹100 करोड़ का यह ऐतिहासिक सहयोग IIT कानपुर के भविष्य को नई ऊर्जा देने के साथ-साथ भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में पूर्व छात्रों की भूमिका को एक नई पहचान दिलाने वाला कदम साबित हो रहा है।

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