उत्तर प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अटकलों पर विराम लग गया है. 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण यूपी के नए कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किए गए हैं. यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई है.
बीते एक सप्ताह से इस बात की अटकलें जोर-शोर से चल रहीं थीं कि वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार हो सकता है, लेकिन शासन ने राजीव कृष्ण को प्रदेश का नया कार्यवाहक डीजीपी बना दिया. वर्तमान में वे डीजी इंटेलिजेंस और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जैसे दो पदों की जिम्मेदारियां एक साथ संभाल रहे हैं.
राजीव कृष्ण की गिनती शासन के करीबी और भरोसेमंद अफसरों में होती है. डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी जरूर दी थी, पर उसके तहत अब तक समिति का गठन भी नहीं किया गया है. ऐसे में प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार न मिलने की दशा में डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण को डीजीपी का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
कब होनी है रिटायरमेंट?
उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के साथ डायरेक्टर विजिलेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव कृष्ण 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाए गए हैं.
प्रदेश में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों की सीधी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद सरकार ने राजीव कृष्ण को भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी. उन्होंने कुशलता से परीक्षा संपन्न कराई. इससे राज्य सरकार का उन पर भरोसा बढ़ा था.
गौतमबुद्धनगर निवासी राजीव कृष्ण ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की है. दो बार राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड प्राप्त कर चुके राजीव कृष्ण का अभी लंबा सेवाकाल है. उनकी सेवानिवृत्ति में चार वर्ष और एक माह का समय अभी बाकी है. इसलिए उनके स्थायी डीजीपी बनाए जाने की पूरी संभावना है.