यूपी के पूर्व DGP प्रशांत कुमार का भावुक पोस्ट- 'अब मेरे कंधे पर सितारे नहीं होंगे लेकिन..'
उत्तर प्रदेश पुलिस पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने सेवानिवृत्ति के बाद एक भावुक पोस्ट की है. इसमें उन्होंने अपने समूचे कार्यकाल को याद करते हुए पुलिस महकमे का जिक्र किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि हमारी वर्दी अस्थायी है लेकिन ड्यूटी हमेशा रहती है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर प्रशांत कुमार ने रविवार, 1 जून को लिखा- कल जब सेवानिवृत्त हुआ तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और अपनेपन की भावना से भरा था. यह सिर्फ फेयरवेल नहीं है बल्कि यह रुकने, विचार करने और सेवा की इस असाधारण यात्रा में मेरे साथ चलने के लिए आप सभी को धन्यवाद देने का अवसर है. वर्दी में पहले दिन से लेकर इस मौके तक, मैं हर दिन लोगों की सेवा करने, न्याय को बनाए रखने और अपनी पुलिस के साथ खड़े होने के एक मात्र उद्देश्य के साथ जिया.
पूर्व आईपीएस ने लिखा- हम जो करते हैं वह सिर्फ एक नौकरी नहीं बल्कि एक आह्वान है. इस दौरान मुझे आप सभी का साथ देने का सौभाग्य मिला है. भारी बारिश में खड़े होकर ट्रैफिक मैनेज करने वाले कॉन्सटेबल से लेकर, उस अधिकारी तक जिसने रातों की नींद हराम करके एक केस को सुलझाया. वह टीमें जिन्होंने इनोवेशन पर जोर दिया, आप इस पुलिस की सच्ची आत्मा हैं.
हमने नागरिकों में विश्वास बहाल किया- पूर्व डीजीपी
पूर्व डीजीपी ने लिखा- मैं उत्तर प्रदेश पुलिस की भव्य तस्वीर का सिर्फ एक धागा रहा हूं, फिर भी आपने मुझे बहुत महत्वपूर्ण होने का एहसास दिलाया. करियर के इन वर्षों में हमने एक साथ त्रासदी से लेकर विजय और परिवर्तन तक देखे. हमने पुलिसिंग को आधुनिक बनाया, साइबर अपराधों का सामना किया और संकटों का जवाब दिया. इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि हमने नागरिकों में खाकी के प्रति विश्वास बहाल किया. मेरे लिए यह सबसे बड़ा पदक है जिसे मैं सेवानिवृत्ति में साथ ले जाउंगा.
उन्होंने लिखा कि मैं इस पद को बिना किसी खेद के, गर्व के साथ छोड़ रहा हूं. हो सकता है कि अब मेरे कंधों पर सितारे न हों, लेकिन मैं हमेशा अपने दिल में पुलिस की भावना को लेकर चलूंगा. जैसे-जैसे मैं जीवन के अगले अध्याय में कदम रखूंगा, मेरी प्रार्थनाएं, सम्मान और अटूट समर्थन हमेशा आपके साथ रहेगा. हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि 'वर्दी अस्थायी है. कर्तव्य, सदैव रहते हैं. आप साहस, करुणा और विवेक के साथ सेवा करते रहें.