भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट और CRR में कटौती के फैसले का रियल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गजों ने किया स्वागत, बताया इसे हाउसिंग डिमांड बढ़ाने वाला कदम

Update: 2025-06-06 07:27 GMT

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे घटाकर 5.50% कर दिया है। यह फैसला मुद्रास्फीति के स्थिर स्तर और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

RBI के गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने आज अपने बयान में कहा, “मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4, 5 और 6 जून को हुई, जिसमें मौजूदा आर्थिक और वित्तीय परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए रेपो रेट को तरलता समायोजन सुविधा (LAF) के तहत 50 आधार अंक घटाकर 5.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा।”

इस फैसले का खासतौर पर रियल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञों और डेवलपर्स ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे होम लोन सस्ते होंगे और मिड-इनकम से लेकर प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट तक की मांग को बल मिलेगा।

श्री प्रदीप अग्रवाल, फाउंडर और चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड ने कहा, “रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती और नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती को एक साथ लागू करना देशभर के होमबायर्स के लिए एक बड़ी राहत है। ऐसे समय में जब महंगाई नियंत्रित हो रही है और अर्थव्यवस्था को मजबूती की ज़रूरत है, तब यह RBI का साहसिक कदम है। CRR में कटौती से बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त तरलता आएगी, जिससे बैंकों को और अधिक ऋण देने में मदद मिलेगी।

पिछली कटौतियों के बाद मिड और प्रीमियम हाउसिंग की मांग पहले ही बढ़ रही है, और यह बड़ी कटौती उस मांग को और तेज़ी से आगे बढ़ाएगी।”

श्री अशोक कपूर, चेयरमैन, कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन ने कहा, “रेपो रेट में 50 और CRR में 100 आधार अंकों की कटौती रियल एस्टेट समेत अन्य उद्योगों को समर्थन देने वाला मजबूत और समयानुकूल कदम है। आज की मौद्रिक नीति के बाद ब्याज दरें पिछले वर्ष की तुलना में कुल 100 आधार अंक तक नीचे आ चुकी हैं। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं क्योंकि इससे उधारी की लागत घटेगी और बैंकों में तरलता बढ़ेगी।”

श्री अमन सरिन, निदेशक एवं सीईओ, अनंत राज लिमिटेड ने कहा, “यह इस कैलेंडर वर्ष की तीसरी कटौती है—पहले दो बार 25-25 आधार अंकों की कटौती के बाद अब 50 आधार अंकों की कटौती—जो दर्शाता है कि RBI अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह और गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कुल मिलाकर 100 आधार अंकों की कटौती से उधारकर्ताओं को ब्याज दर में काफी राहत मिलेगी। इसके साथ ही, यह कदम प्रणाली में तरलता बढ़ाकर आर्थिक गति को और तेज करेगा।”

श्री राउल कपूर, सह-सीईओ, एंड्रोमेडा सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, “बाजार में पहले से ही उम्मीद थी कि इस बार RBI 50 आधार अंकों की कटौती करेगा—और RBI ने वही किया। इस फैसले के साथ, वर्ष 2025 में अब तक कुल 100 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है, जो मौजूदा आर्थिक हालात में काफी अहम है। इस नरमी का सबसे बड़ा लाभ रिटेल लोन धारकों को मिलेगा, विशेष रूप से होम लोन जैसे बड़े ऋणों के मामलों में, जहां ब्याज दरों में थोड़ी सी भी कटौती लंबी अवधि में बड़ी बचत का कारण बन सकती है।”

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