मैं यहीं मरुंगी कहीं नहीं जाऊंगी… 63 साल से भारत में रह रही फरहत, अब भेजा जा रहा पाकिस्तान

Update: 2025-06-18 06:57 GMT

भारत में अवैध तरीके से रह रहे पाकिस्तानियों पर लगातार एक्शन लिया जा रहा है. इसी के चलते उत्तर प्रदेश के बरेली में रहने वाली एक महिला को भी पाकिस्तान भेजने की तैयारी की जा रही है, जो 63 साल से भारत में रह रही हैं. लेकिन उनका कहना है कि वह पाकिस्तान नहीं जाएंगी. वह तब भारत आई थीं, जब वह महज 8 महीने की थीं. वह महिला सूफी टोला इलाके में रहने वाली फरहत सुल्ताना उर्फ फरीदा हैं.

फरहत ने जन्म भले ही पाकिस्तान में लिया हो. लेकिन उनकी पूरी जिंदगी भारत में बीती है. जब वह सिर्फ 8 महीने की थीं. तब उनकी मां उन्हें लेकर भारत आ गई थीं. अब 63 साल बाद प्रशासन उन्हें पाकिस्तान भेजने की तैयारी कर रहा है. फरहत का कहना है कि मैंने पाकिस्तान कभी देखा ही नहीं. मेरी आंख भारत में खुली, यहीं खेली, पढ़ी, शादी हुई और बच्चे भी यहीं हुए. अब मुझे जबरन पाकिस्तान भेजा जा रहा है. वो भी तब जब मेरा यहां से कोई रिश्ता टूटने वाला नहीं है.

राशन कार्ड और आधार कार्ड फर्जी नहीं

फरहत बताती हैं कि उन्होंने कभी कोई कागज फर्जी नहीं बनवाया. उनके मुताबिक, जब सरकार ने आधार कार्ड बनाने के लिए कैंप लगाए थे. तब सबने बनवाए तो मैंने भी बनवा लिया. राशन कार्ड पहले मेरे पति के नाम पर था. लेकिन सरकार ने जब महिला के नाम पर कार्ड बनाने को कहा तो मेरा नाम चढ़ गया. अब उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने ये दस्तावेज गलत तरीके से बनवाए हैं. पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. राशन कार्ड और आधार कार्ड रद्द कर दिए गए हैं. फरहत कहती हैं. मैं गरीब हूं. मेरे सात बच्चे हैं, जिनमें से एक बेटी की एक साल पहले मौत हो गई. दोनों बेटे मजदूरी करते हैं. चार बेटियों की शादी करनी है. ऐसे में मैं कहां जाऊं.

कानूनी लड़ाई में उलझ गई जिंदगी

दरअसल 20 जुलाई को फरहत का वीजा खत्म हो रहा है. उन्हें डर है कि इसके बाद उन्हें जबरन पाकिस्तान भेज दिया जाएगा और पुलिस तैयारी कर रही है. उन्होंने अपील करते हुए कहा, ‘मेरी मोदी जी और योगी जी से हाथ जोड़कर विनती है कि मुझे भारत की नागरिकता दी जाए. मैंने सारी उम्र यहीं बिताई है. चाहे कुछ भी हो जाए, मैं पाकिस्तान नहीं जाऊंगी. यहीं पैदा हुई,पली-बढ़ी और अब मरना भी यहीं मंजूर है.’ फरहत का अपने पति से विवाद चल रहा है और वह अब शाहजहांपुर में रहते हैं. बच्चे उनके साथ हैं. लेकिन खुद की ज़िंदगी एक कानूनी लड़ाई में उलझ गई है.

‘ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन खोज

सरकार की ओर से चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत पुलिस विदेशी नागरिकों की जांच की जा रही है. इसी दौरान फरहत की पहचान हुई. जब पुलिस को पता चला कि वह पाकिस्तान से हैं और भारतीय नागरिकता नहीं ली है तो उन पर कार्रवाई कर दी गई. पुलिस का कहना है कि फरहत लंबे समय से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में रह रही थीं. लेकिन उन्होंने नागरिकता नहीं ली और बिना अनुमति के भारतीय दस्तावेज बनवा लिए.

अब फरहत का क्या होगा?

63 साल से भारत में रह रही फरहत ने कहा, ‘पाकिस्तान से मेरा कोई नाता नहीं है. वहां तो मैंने आंखें भी नहीं खोली थीं. मैं भारत की बेटी हूं. मेरी आंख यहीं खुली. मेरी रगों में इसी मिट्टी का प्यार है. मुझे पाकिस्तान भेजने से अच्छा है. मुझे यहीं दफना दिया जाए. मैं यहीं मरुंगी, कहीं नहीं जाऊंगी.’ अब देखना होगा कि फरहत को भारत की नागरिकता मिलती है या फिर उन्हें पाकिस्तान वापस जाना पड़ेगा.

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