चंदौली में 12 औद्योगिक इकाइयों पर छापेमारी, अनुदानित यूरिया के दुरुपयोग की जांच तेज़

Update: 2025-06-09 13:04 GMT


रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली

चंदौली: जनपद चंदौली में औद्योगिक इकाइयों द्वारा अनुदानित यूरिया के संभावित दुरुपयोग को लेकर प्रशासनिक सख्ती बढ़ा दी गई है। कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर सोमवार को एक संयुक्त टीम ने जिले की 12 औद्योगिक इकाइयों एवं उनके गोदामों पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने गहन निरीक्षण कर टेक्निकल ग्रेड यूरिया का एक सैंपल परीक्षण हेतु संग्रहित किया।

जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग के आदेश पर गठित इस टीम में उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी एवं उपायुक्त उद्योग शामिल थे। टीम ने कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबुन, पेंट, वार्निश, मुद्रण स्याही, लिबास, प्लाईवुड, लेमिनेट बोर्ड एवं पार्टीकल बोर्ड निर्माण से जुड़ी इकाइयों की गहन जांच की। हालांकि अभी तक की जांच में किसी भी इकाई द्वारा अनुदानित यूरिया के उपयोग की पुष्टि नहीं हुई है, जिससे प्रशासन ने आंशिक राहत की सांस ली है। हालांकि, अधिकारियों ने सभी प्रोपराइटरों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में अनुदानित यूरिया का दुरुपयोग पाया गया, तो संबंधित फर्म के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जनपद में किसी प्रकार की उर्वरक कमी नहीं है। सभी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। इसके साथ ही अवैध रूप से उर्वरकों की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध सतत निगरानी एवं अभियान जारी रहेगा। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने औद्योगिक संस्थानों से अपील की है कि वे केवल तकनीकी ग्रेड यूरिया का ही उपयोग करें। कृषि उपयोग के लिए निर्धारित अनुदानित यूरिया का व्यावसायिक या औद्योगिक प्रयोग न केवल अवैध है बल्कि किसानों के अधिकारों का हनन भी है।




 


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