डीडीयू रेल कॉलोनी बनी अवैध कब्जों का गढ़ बिना अनुमति चल रहे गैराज, पार्लर और खटाल; अधिकारी मौन, कर्मचारी असुरक्षित

Update: 2025-06-16 05:28 GMT


रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग मोहम्मद अफजल

पीडीडीयू नगर,चंदौली। खबर जनपद चंदौली से है जहां डीडीयू रेलवे कॉलोनी में अवैध कब्जे और अनधिकृत व्यवसायों की भरमार ने रेलवे प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना अनुमति के कॉलोनी में गैराज, खटाल, ब्यूटी पार्लर, निजी कार्यालय तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियाँ धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।

यूनियन के कुछ पदाधिकारी खुद बिना आवंटन के सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ ठेकेदारों ने भी कॉलोनी में कब्जा कर निर्माण कर लिया है, जबकि आईओडब्ल्यू आवासों के पास भी अवैध निर्माणों की भरमार देखी जा रही है।

रेलवे कर्मचारियों का आरोप है कि जिन कर्मचारियों ने अपने क्वार्टर के बाहर मामूली निर्माण किया है, उनसे अवैध वसूली की जाती है, लेकिन बड़े कब्जेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

वर्तमान स्थिति कॉलोनी की सुरक्षा पर भी खतरे का संकेत दे रही है। पहले भी कॉलोनी में शराब सेवन और जुए से संबंधित वीडियो वायरल हो चुके हैं। अब अनधिकृत गतिविधियों के चलते कर्मचारी और उनके परिवार स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

प्रशासनिक चुप्पी: मिलीभगत या लापरवाही?

इस पूरे मामले में प्रशासन की चुप्पी संदेहास्पद है। लाखों रुपये के बजट और संसाधनों के बावजूद यदि कॉलोनी पर अवैध कब्जे हो रहे हैं, तो यह साफ संकेत है कि या तो लापरवाही चरम पर है या फिर मिलीभगत गहरी है।

रेलवे विभाग से मांग की जा रही है कि वह इस मामले में शीघ्र उच्चस्तरीय जांच कराए और अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई करे, ताकि कॉलोनी में अनुशासन, सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित हो सके।यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो डीडीयू रेल कॉलोनी ‘रेलवे संपत्ति’ न रहकर ‘अतिक्रमण अड्डा’ बन जाएगी।

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