आनन्द गुप्ता
बहराइच।उदिता फाउंडेशन एवं कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के सौजन्य से पं० राम प्रसाद बिस्मिल फाउंडेशन द्वारा दो दिवसीय साहित्य सप्तक साहित्योत्सव मनाया गया। जिसमें प्रथम दिवस साहित्य में मौलिकता एवं साहित्य और प्रकृति विषय पर परिचर्चा एवं विमर्श के अंतर्गत प्रकृति प्रेमी एवं गोमती मित्र हरेंद्र वर्मा ने प्रकृति एवं मानव के अन्योन्याश्रित संबंधों पर जोर देते हुए पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। वरिष्ठ साहित्यकार श्रीकांत सिंह ने हिंदी साहित्य में प्रकृति चित्रण और उसके बहुविधि रूप में रूपायित होने की बात कही। इस क्रम में डॉ० शालिनी शुक्ला (सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग) लखनऊ विश्वविद्यालय ने हिंदी के श्रेष्ठ रचनाकारों द्वारा साहित्य और प्रकृति के बीच एक सहज तंतु विकसित किया गया है, जिससे साहित्य के केंद्र में प्रकृति ही बनी रहती है। अपने अध्यक्षीय वक्ततव्य में श्री अरविंद पथिक (प्रधान संपादक: साहित्य सप्तक) ने साहित्य में मौलिकता की प्रबल आवश्यकता पर जोर देते हुए विगत वर्ष आरम्भ आंदोलन और उसके गर्भ में छुपे विचारों को जन जन तक ली जाने की अवधारणा के आधार पर प्रकाशित साहित्य सप्तक की व्यापकता की बात कही। कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य डॉ० नित्यानंद शुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन गीतकार अरविंद कुमार ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं संयोजन पत्रिका के सह संपादक श्री मनोज श्रीवास्तव 'अनाम' ने किया।
कार्यक्रम के दूसरे दिवस जंगल सफारी एवं भ्रमण के पश्चात् द्वितीय सत्र सत्र में साहित्य सप्तक (पर्यावरण विशेषांक) जून अंक का लोकार्पण एवं साहित्य एवं संस्कृति क्षेत्रों से जुड़े अनेक गणमान्य विभूतियों का सम्मान समारोह संपन्न हुआ। साथ ही दोनों संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से एक खूबसूरत काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसका आरंभ डॉ० नित्यानंद शुक्ल ने स्वागत वक्तव्य से किया और कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पत्रिका के प्रधान संपादक श्री अरविंद पथिक के विषय प्रवेश एवं पत्रिका के कलेवर एवं उद्देश्य पर दिये गए अभिभाषण से हुआ। अज़ीम शायर डॉ० दिनेश त्रिपाठी 'शम्स' की अध्यक्षता में प्रसिद्ध कवि श्री प्रदीप बहराईची, युवा कवि श्री हर्षित शुक्ला एवं श्री वीरेश पांडेय, युवा गीतकार श्री राघव शुक्ला एवं श्री अरविंद कुमार, वरिष्ठ कवि श्री हरेंद्र वर्मा एवं श्रीकांत सिंह के साथ श्री मनीष मिश्र 'मानू' ने अपनी रचनाएँ पढ़ी। कार्यक्रम का सफल संचालन कार्यक्रम के संयोजक श्री मनोज श्रीवास्तव अनाम एवं धन्यवाद ज्ञापन उदिता फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ० शालिनी शुक्ला ने किया। इस द्वि दिवसीय कार्यक्रम में अनेक कवि एवं साहित्यकारों के साथ श्री प्रदीप तिवारी, लता दीक्षित, दीपक मिश्र, शिल्पा सिंह, सौरभ शुक्ला, संगीता, सुनीता, अदिति, योग्य एवं तन्मय के रूप में अनेक विद्यार्थी, शिक्षक, प्राध्यापक एवं प्रकृति/साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।