कानपुर में पुलिस की प्रताड़ना से तंग युवक ने फंदा लगाकर दी जान, परिजनों ने किया हंगामा

Update: 2025-06-10 05:27 GMT

कानपुर। पति-पत्नी के बीच झगड़े की शिकायत पर पुलिस ने युवक को जमकर पीटा और छोड़ने के एवज में 20 हजार रुपये की मांग की। युवक ने अनाज बेचकर पांच हजार रुपये तो चुकाए, लेकिन बाकी की व्यवस्था नहीं कर सका।

इस पर पुलिस ने इतना दबाव डाला कि युवक ने फंदा लगाकर जान दे दी। घटना के बाद गुस्साए स्वजन और ग्रामीणों ने शव उठाने से मना कर हंगामा किया। देर रात विधायक सरोज कुरील मौके पर पहुंची। उन्होंने डीसीपी से जांच कर आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को कहा है।

यह है पूरा मामला

सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव निवासी 42 वर्षीय जीत कुमार उर्फ जीतू निषाद घर पर पत्नी सुमन और तीन बेटियों के साथ रहता था। वह सूरत में नौकरी करता था, लेकिन कुछ दिनों से गांव में था।

जीत के चाचा नरेश और रामबाबू ने बताया कि बीती चार जून को जीत और सुमन में झगड़ा हुआ था। इसके बाद सुमन ने गांव में ही बने पुलिस सहायता केंद्र में शिकायत की।

केंद्र में तैनात दो दारोगाओं ने जीत को पकड़कर 20 हजार रुपये की मांग कर दी। न देने पर जमकर मारपीट की। जीत ने किसी तरह गेहूं बेंचकर पांच हजार रुपये दिए थे। शेष 15 हजार रुपये के लिए दोनों दारोगा दबाव बना रहे थे।

रुपये का इंतजाम न होने पर जीत कुमार उर्फ जीतू ने सोमवार शाम फंदा लगाकर जान दे दी। शाम को अन्य घरवालों को उसका शव कमरे में फंदे पर लटका मिला। दीवार तोड़कर अंदर पहुंचा गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

सूचना के बाद पुलिस पहुंची को ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे। घटना के बाद फोरेंसिक टीम ने भी पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं।

पिता बोले- आरोपितों पर रिपोर्ट दर्ज हो

जीत कुमार उर्फ जीतू ने सोमवार शाम करीब छह बजे फंदा लगाया था। रात 11 बजे तक पुलिस विभाग का कोई उच्चाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद विधायक सरोज कुरील पहुंची।

विधायक के फोन करने पर डीसीपी भी देर रात गांव के लिए रवाना हुए। इस दौरान तक ग्रामीणों ने शव उठने नहीं दिया। जीत के पिता रमेश ने आरोपित दोनों पुलिस कर्मियों पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।

 

झगड़े के बाद सुमन ने पुलिस से शिकायत की और अपने मायके बीरबल अकबरपुर के मजरा गुरैयनपुर चली गई थी। सुमन के पिता रामकिशोर गांव के प्रधान हैं। स्वजन ने प्रधान पर पुलिस से मिलीभगत कर जीत को पिटवाने के आरोप लगाए हैं।

ग्रामीण बोले- लूट का अड्डा है पुलिस सहायता केंद्र

ग्रामीणों ने बताया कि गांव स्थित पुलिस सहायता केंद्र लूट का अड्डा बन गया है। यहां तैनात पुलिसकर्मी लोगों को परेशान कर उनसे वसूली करते हैं। छोटे-मोटे झगड़ों भी डर दिखाकर रुपये ऐंठते हैं।

रुपये न देने वालों के साथ अभद्रता की जाती है। बताया कि 10 दिन पूर्व गांव निवासी भोला ने फंदा लगाकर जान दी थी। आंशका जताई कि वह भी पुलिस से प्रताड़ित था।

घटनास्थल पर पहुंच रहा हूं। पुलिस कर्मियों पर लगे आरोपों की जांच की जाएगी। अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।

-दीपेंद्र नाथ चौधरी, डीसीपी साउथ

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