रिंग रोड पर दौड़ने लगी गाड़ियां: वाराणसी के सफर को मिली नई रफ्तार और राहत
शुरू हुई 949 करोड़ की रिंग रोड परियोजना, छोटे वाहनों को बीते शनिवार से मिली एंट्री – जाम से राहत, समय की बचत ...
ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली। पूर्वांचल के लोगों को एक बड़ी सौगात मिली है। बहुप्रतीक्षित वाराणसी रिंग रोड का एक हिस्सा आम जनता के लिए खोल दिया गया है। बीते शनिवार से इस पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। इससे न केवल वाराणसी बल्कि आसपास के जिलों को भी ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत मिलेगी।
बता दें कि इस रिंग रोड की लंबाई कुल 27 किलोमीटर है, जिसमें चंदौली जिले का लगभग 17.8 किलोमीटर क्षेत्र शामिल है। यह सड़क चंदौली के सुल्तानपुर ग्रामसभा से शुरू होकर रेवसा तक जाती है। इस परियोजना में गंगा नदी पर बना 1800 मीटर लंबा और 30 मीटर ऊँचा भव्य पुल भी शामिल है, जो इसकी इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को दर्शाता है।
वहीं इस परियोजना की लागत करीब 949 करोड़ रुपये है और इसका कार्य वर्ष 2019 में शुरू हुआ था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण इसमें कुछ देरी हुई, लेकिन अब इसका पहला चरण पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य गेमन कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है, जबकि पुल और अन्य संरचनाओं का निर्माण महादेव प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने किया है।
इस अवसर पर मौके पर पहुंचे मंत्री आवास विकास आरपी कुशवाहा ने मीडिया को बताया कि इस रिंग रोड से वाराणसी शहर में प्रवेश करने वाले यात्रियों को अब शहर के बीचोंबीच ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा। साथ ही ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों को शहर से जोड़ने में भी यह मार्ग अहम भूमिका निभाएगा। यह सड़क दर्जनों प्रमुख संपर्क मार्गों को जोड़ती है, जिससे व्यावसायिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।आगे बताया कि फिलहाल एक लेन पर ही छोटे वाहनों को चलने की अनुमति दी गई है। आने वाले समय में दोनों लेनों पर यातायात चालू कर दिया जाएगा। यह रिंग रोड वाराणसी के भविष्य के ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।