अब्बास की विधायकी गई: राजनीति में अब उमर अंसारी लेंगे एंट्री, लड़ सकते हैं भाई की सीट से चुनाव; जानें खास

Update: 2025-06-01 11:25 GMT

मां आफ्सा अंसारी की फरारी, पिता मुख्तार अंसारी की मौत और अब भाई अब्बास अंसारी को सजा से उमर अंसारी के परिवार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। मऊ कोर्ट से दोषी हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता भी खतरे में पड़ गई है। हालांकि ऐसी स्थिति में यदि सीट खाली होती है तो उपचुनाव कराया जाता है। ऐसे में अंसारी परिवार से उमर अंसारी के चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ गई है।

पिता की मौत के बाद जिस तरीके से उमर अंसारी जनता के बीच जा रहे हैं, उससे इन संभावनाओं को और बल मिल रहा है। वह अपने भाई अब्बास अंसारी के जेल में होने के बाद भी उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता के संपर्क में बने हुए हैं।

उमर अंसारी शुक्रवार को कोर्ट में भी विधायक अब्बास अंसारी के साथ रहे और समय-समय पर उनके कानों में बोलते भी देखे गए। हालांकि परिवार के करीबियों की मानें तो अभी कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में परिवार लगा हुआ है, क्योंकि इसके पहले भी गाजीपुर में उनके चाचा अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता खतरे में पड़ी थी लेकिन कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी।

हेट स्पीच केस में सजा के एलान के बाद यूपी के मऊ से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उनकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। इसके लिए रविवार को छुट्टी के दिन सचिवालय खोला गया। चुनाव आयोग को इसकी सूचना भेज दी गई है। अब इस विधानसभा सीट के उपचुनाव पर सबकी नजर है।

बीते विधानसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के मामले मे फैसला शनिवार को हुआ। सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसला के लिए 31 मई की तिथि नियत की थी। सुनवाई के बाद अदालत ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में अब्बास अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही अलग अलग धाराओं के तहत कुल 11 का जुर्माना भी लगाया गया है।

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