हिंदी पत्रकारिता दिवस पर संवाद और संकल्प: मुगलसराय में हुआ ऐतिहासिक आयोजन
रिपोर्ट: मोहम्मद अफजल, डीडीयू नगर
मुगलसराय (चंदौली): हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में चंदौली प्रेस क्लब परिवार द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम में पत्रकारिता की परंपरा, वर्तमान चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा पर गहन विचार-विमर्श हुआ। होटल सिंगर स्काई, जी.टी. रोड, मुगलसराय में आयोजित इस आयोजन में जिले के पत्रकारों, साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. मनोज सिंह (वरिष्ठ आलोचक, हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय) ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का संवाहक है।
वहीं व्योमेश शुक्ल (प्रधानमंत्री, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी) ने पत्रकारिता में भाषा की गरिमा और संवेदना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा,आज का पत्रकार नई चुनौतियों के बीच भी अगर सच के पक्ष में खड़ा है, तो वही असली पत्रकार है।विशिष्ट अतिथि विजय विनीत (वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक) ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पत्रकारिता को सत्ता का नहीं, जनसरोकारों का प्रहरी बनना होगा।कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ. विनय कुमार वर्मा (राष्ट्रीय पत्रकार कल्याण ट्रस्ट) ने पत्रकारों के अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अनिल यादव (पूर्व प्राचार्य, लाल बहादुर शास्त्री पी.जी. कॉलेज) ने की, जिन्होंने कहा कि पत्रकारिता का दायित्व केवल सूचना देना नहीं, बल्कि विवेक का निर्माण करना भी है।
इस आयोजन को सफल बनाने में पवन तिवारी, अमरेन्द्र पांडेय, आनंद सिंह, सरदार महेंद्र सिंह और कमलेश तिवारी की संयोजन भूमिका उल्लेखनीय रही। साथ ही संदीप कुमार निगम, चंद्र मोहन गुप्ता, आशा राम यादव सहित अनेक पत्रकार साथियों ने समर्पित योगदान दिया।कार्यक्रम का मूल उद्देश्य हिंदी पत्रकारिता की गौरवशाली विरासत को याद करते हुए भविष्य की दिशा तय करना था। वक्ताओं ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और जनहितकारी पत्रकारिता की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों और साहित्य प्रेमियों ने आयोजन को सफल और प्रेरणादायक बताया। यह आयोजन हिंदी पत्रकारिता के प्रति न सिर्फ सम्मान का भाव जगाता है, बल्कि इसके उज्जवल भविष्य के प्रति विश्वास भी पैदा करता है।