यूपी के लोगों को लगेगा महंगी ब‍िजली का बड़ा झटका, जून के ब‍िल के साथ देनी होगी इतने प्रत‍िशत ज्‍यादा रकम

Update: 2025-05-28 01:08 GMT

लखनऊ। महंगाई की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को जून में बिजली महंगी होने का बड़ा झटका लगेगा। फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में बिजली कंपनियां जून के बिल के साथ विद्युत उपभोक्ताओं से 4.27 प्रतिशत ज्यादा धनराशि वसूलेंगी। महंगी बिजली से कंपनियां 390 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमाई करेंगी। चालू वित्तीय वर्ष के टैरिफ निर्धारण के लिए चल रही प्रक्रिया से अगले दो-तीन माह में मौजूदा बिजली की दरों में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी भी प्रस्तावित है।

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत जनवरी में बिजली कंपनियों को प्रत्येक माह स्वतः फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (ईंधन अधिभार शुल्क) तय करने का अधिकार मिलने के बाद से राज्य में लगातार बिजली महंगी-सस्ती हो रही है। सरचार्ज के लागू होने से अप्रैल जहां 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं की बिजली 1.24 प्रतिशत महंगी हुई थी वहीं मई में दो प्रतिशत बिजली के बिल में कमी की गई थी।

अप्रैल के बिजली के बिल में 1.24 प्रतिशत की बढ़ोतरी जनवरी में फ्यूल सरचार्ज के एवज में 78.99 करोड़ रुपये अधिक खर्च होने के कारण की गई थी। इसी तरह मई में फरवरी के खर्च को देखते हुए फ्यूल सरचार्ज तय किया गया था। जून में वसूले जाने वाले सरचार्ज को मार्च के खर्चे को देखते हुए तय किया गया है।

'33,122 करोड़ सरप्लस होने से बढ़ोतरी गैर कानूनी'

 

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस होने के कारण फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली महंगी किए जाने का विरोध किया है। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि उपभोक्ताओं का कंपनियों पर सरप्लस होने से सरचार्ज के एवज में बिजली महंगी करने का आदेश गैर कानूनी है।

उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन को फ्यूल सरचार्ज के 390 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं के सरप्लस से घटाना चाहिए था। वर्मा ने कहा कि वह आयोग के सामने यह मुद्दा उठाएंगे कि सरप्लस के रहते फ्यूल सरचार्च के एवज में बढ़ोतरी के बजाय सिर्फ बिजली दर घटाने को ही लागू किया जाए।

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