मृतक के नाम ज़मीन का फर्जी बैनामा, नायब तहसीलदार की चुप्पी से पीड़ित लाचार – चंदौली डीएम के आदेश भी पड़े बेअसर!
विशेष रिपोर्ट: ओ.पी. श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली, उत्तर प्रदेश: जनपद चंदौली के सदर ब्लॉक अंतर्गत फत्ते प्रतापपुर गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने जिला प्रशासन की निष्क्रियता और राजस्व विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि कुछ दबंगों ने कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से एक मृत व्यक्ति के नाम पर ज़मीन का बैनामा कर अवैध कब्ज़ा कर लिया।
पीड़ित परिजनों ने जब इस फर्जीवाड़े की शिकायत की, तो उन्हें कार्रवाई के आश्वासन तो मिले, लेकिन धरातल पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पीड़ितों का आरोप है कि इस पूरे मामले में कुछ राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत रही है। खास तौर पर नायब तहसीलदार पर धन उगाही, पक्षपातपूर्ण कार्रवाई और आरोपियों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
पीड़ितों के अनुसार, जिस व्यक्ति के नाम पर ज़मीन का बैनामा कराया गया, उसकी मृत्यु बैनामे की तिथि से ढाई महीने पूर्व ही हो चुकी थी। बावजूद इसके, उसे कागजों में जीवित दर्शाते हुए ज़मीन का हस्तांतरण कर दिया गया। यह स्पष्ट रूप से दस्तावेज़ी धोखाधड़ी और प्रशासनिक लापरवाही का मामला है।
जब पीड़ितों ने जिलाधिकारी दरबार में दुबारा गुहार लगाई, तब जाकर डीएम चंद्रमोहन गर्ग ने स्वयं दस्तावेजों का संज्ञान लिया। पूर्व में भी डीएम ने संबंधित नायब तहसीलदार को तत्काल तलब कर फटकार लगाई और निष्पक्ष जांच व त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था। डीएम ने स्पष्ट कहा था कि यदि मामले में पीड़ित परिजनों को न्याय नहीं मिला, तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, लेकिन मामला ठंडा ही रहा।
बता दें कि पीड़ित परिवार कई बार तहसील और कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा चुका है, लेकिन प्रशासनिक ठहराव बरकरार है। परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधा हस्तक्षेप करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे। फिलहाल डीएम दरबार में दूसरी बार न्याय की गुहार लेकर पहुंचे पीड़ित परिजनों को डीएम चंदौली चंद्रमोहन गर्ग द्वारा मामले के यथाशीघ्र निवारण और उचित कार्रवाई का आश्वासन मिला है।