शनि देव, न्याय और कर्मफल के देवता माने जाते हैं. उनकी कृपा जिस पर बरसती है, उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है, वहीं जिनकी कुदृष्टि पड़ती है, उन्हें अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है. शनि जयंती, भगवान सूर्यदेव और माता छाया के पुत्र शनिदेव के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो सके. हालांकि, इस दिन कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए, वर्ना जीवन दुखों से भर सकता है. आइए जानते हैं उन कामों के जो इस दिन भूल से भी नहीं करने चाहिए.
शनि जयंती कब है?
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 27 मई को रात्रि 8 बजकर 31 मिनट पर होगा. ऐसे में शनि जयंती मंगलवार, 27 मई को मनाई जाएगी.
शनि जयंती पर भूल से भी न करें ये काम?
किसी का अपमान न करें
शनिदेव न्याय के देवता हैं और उन्हें अन्याय बिल्कुल पसंद नहीं है. शनि जयंती के दिन भूलकर भी किसी गरीब, कमजोर, या जरूरतमंद व्यक्ति का अपमान न करें. ऐसा करने से शनिदेव रुष्ट हो सकते हैं और आपको उनके प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है. इस दिन जितना हो सकता है दूसरों की सहायता करें और सभी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें.
तामसिक भोजन से बचें
शनि जयंती के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है. इस दिन मांस-मदिरा जैसे तामसिक भोजन से दूर रहें. मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव अप्रसन्न होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इस दिन शुद्ध और शाकाहारी भोजन करें.
बाल और नाखून न काटें
कुछ मान्यताओं के अनुसार, शनि जयंती के दिन बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है. इसलिए इस दिन इन कार्यों से बचें. हालांकि, इन मान्यता के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं माना जाता है.
तेल का दान करते समय सावधानी बरतें
शनिदेव को तेल चढ़ाना और दान करना इस दिन बहुत शुभ माना जाता है. लेकिन तेल का दान करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. कभी भी खराब या इस्तेमाल किया हुआ तेल दान न करें. हमेशा शुद्ध और साफ तेल का ही दान करें. साथ ही, तेल दान करते समय मन में श्रद्धा और भक्ति का भाव रखें.
क्रोध और नकारात्मक विचारों से दूर रहें
शनि जयंती के दिन शांत और सकारात्मक रहना चाहिए. क्रोध, ईर्ष्या या किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहें. ऐसा माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक विचार रखने से शनिदेव अप्रसन्न हो सकते हैं और आपके कार्यों में बाधा आ सकती है.
शनि जयंती पर क्या करें?
शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करें. उन्हें काले तिल, सरसों का तेल, नीले फूल अर्पित करें. शनि चालीसा का पाठ करें और गरीबों को दान दें. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
शनि जयंती का महत्व
शनि जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यह दिन भगवान शनिदेव के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जो न्याय और कर्मफल के देवता माने जाते हैं. इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से व्यक्ति को अपने कर्मों के अनुसार न्याय मिलता है. अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल और बुरे कर्म करने वालों को दंड मिलता है.
जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उनके लिए शनि जयंती विशेष रूप से फलदायी होती है. इस दिन किए गए उपाय और पूजा से शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है. शनिदेव प्रसन्न होने पर अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं. शनि जयंती पर उनकी आराधना से जीवन में उन्नति और खुशहाली आती है.