गाजियाबाद में नशे के खिलाफ निर्णायक वार — एसीपी केशव कुमार चौधरी की तेज़तर्रार कार्यप्रणाली से तस्करी नेटवर्क ध्वस्त
आनन्द गुप्ता /अनवार खाँ मोनू
गाजियाबाद।
गाजियाबाद पुलिस ने नशे के सौदागरों पर ऐसा प्रहार किया है जिसने पूरे नेटवर्क को हिला कर रख दिया है। कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी में लिप्त गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया और करोड़ों रुपये का नशीला सिरप जब्त किया।
यह सफलता उस तेज़तर्रार कार्यप्रणाली का परिणाम है जिसके लिए अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) केशव कुमार चौधरी जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी सक्रियता और त्वरित निर्णय क्षमता से ऑपरेशन को इस तरह संचालित किया कि चंद घंटों में पूरा गिरोह पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
चार ट्रकों में छिपा था नशे का जखीरा
संयुक्त टीमों ने एसटीएफ और स्वाट के सहयोग से गुप्त सूचना पर जब छापेमारी की, तो चार ट्रकों में लाखों शीशियां Eskuf और Phensedyl सिरप की बरामद हुईं। इस कार्रवाई में एसपी सिटी द्वितीय नीरजा रावत और पुलिस बल की कई इकाइयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संगठित नेटवर्क का भंडाफोड़
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह पश्चिम बंगाल और बिहार से माल मंगाकर दिल्ली-एनसीआर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सप्लाई करता था। आरोपी नकली बिल और फर्जी फार्मा दस्तावेजों के जरिए माल को वैध दिखाते थे। मुख्य सरगना साजिद खान और उसके साथियों ने डिजिटल माध्यमों से करोड़ों की तस्करी की थी।
चौधरी की रणनीति — तेजी, सटीकता और निगरानी
अपर पुलिस आयुक्त चौधरी की कार्यशैली की खासियत यही रही कि उन्होंने न केवल गिरोह की जड़ तक पहुँचने के लिए खुफिया नेटवर्क को सक्रिय किया, बल्कि ऑपरेशन की हर बारीकी पर खुद नजर रखी। परिणाम यह हुआ कि जिस नेटवर्क का पीछा कई राज्यों की टीमें कर रही थीं, वह गाजियाबाद पुलिस के जाल में फँस गया।
नशे के खिलाफ कड़ा संदेश
यह कार्रवाई केवल अवैध सिरप की जब्ती नहीं, बल्कि अपराध जगत को दिया गया सख्त संदेश है — कि कानून से ऊपर कोई नहीं। चौधरी ने कहा कि “नशे का कारोबार समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है, और गाजियाबाद पुलिस इसे जड़ से मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
युवाओं को बचाने की जंग
कोडीन युक्त सिरप का दुरुपयोग युवाओं में नशे की नई प्रवृत्ति को जन्म दे रहा था। इस अभियान ने उस सप्लाई चेन को तोड़ने का काम किया है जो युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेल रही थी। अब पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े सप्लायरों, फार्मा कंपनियों और ट्रांसपोर्ट एजेंसियों की भी निगरानी बढ़ा रही है।
अपर पुलिस आयुक्त श्री चौधरी ने इस ऑपरेशन को लेकर कहा कि यह सिर्फ पुलिस की सफलता नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — समाज को नशे से मुक्त करने की दिशा में गाजियाबाद ने जो उदाहरण पेश किया है, वह अन्य जनपदों के लिए मिसाल बन सकता है।