सीतापुर में ईमानदारी का प्रभाव: जिलाधिकारी की सख़्ती से अधीनस्थ अधिकारियों में खौफ़, जनता में उम्मीद

Update: 2025-11-06 05:22 GMT

सीतापुर।

जिलाधिकारी सीतापुर की सख़्त कार्यशैली और ईमानदारी अब ज़िले के प्रशासनिक तंत्र में स्पष्ट दिखाई देने लगी है। कुछ ही दिनों में उनके अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी उनके अनुशासन और जवाबदेही से खौफ़ज़दा हैं।

जहाँ पहले लापरवाही और ढिलाई सामान्य बात थी, वहीं अब कार्य संस्कृति में स्पष्ट बदलाव देखा जा रहा है।

जिलाधिकारी की छवि एक ईमानदार और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में उभरकर सामने आई है। उनके नेतृत्व में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की उम्मीद ज़ोर पकड़ रही है।

जनता, विशेष रूप से गरीब, असहाय और मध्यम वर्गीय वर्गों में एक नया विश्वास जागा है कि यदि व्यवस्था के भीतर ईमानदारी से काम किया जाए तो परिवर्तन अवश्य संभव है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि “सीतापुर में अब एक ईमानदार प्रशासन की शुरुआत हो चुकी है। जनता को भरोसा है कि इस बार बदलाव केवल काग़ज़ों पर नहीं, ज़मीनी स्तर पर भी दिखेगा।”

वहीं, राजनीतिक वर्ग — विधायक और सांसद — के लिए भी यह एक सीख का विषय बन गया है।

जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अब रोज़ बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याएँ लेकर पहुँच रहे हैं। लोग कहते हैं कि “अब सुना जा रहा है, अब डर भ्रष्टाचारियों को है, जनता को नहीं।”

सीतापुर के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में यह नई कार्यसंस्कृति पूरे ज़िले को एक आदर्श प्रशासनिक मॉडल के रूप में स्थापित करेगी।

राजीव गुप्ता ,(तिकुनिया वाले)

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