बरेली : टिसुआ रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी से डीजल चोरी, जांच में जुटी आरपीएफ
डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
बरेली।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के टिसुआ रेलवे स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी से डीजल चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बुधवार देर रात हुई इस वारदात से रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, लोको पायलट ने ट्रेन की नियमित जांच के दौरान इंजन के डीजल टैंक का ढक्कन खुला पाया। जब टैंक की गहराई से जांच की गई तो करीब 100 लीटर डीजल गायब मिला। तत्काल इसकी सूचना रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को दी गई।
जांच में जुटी आरपीएफ
घटना की जानकारी मिलते ही आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को घेरकर जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह अनुमान लगाया गया है कि चोरी देर रात के समय की गई, जब स्टेशन पर गतिविधियां बहुत कम थीं।
टीम ने इंजन और आसपास के हिस्सों की बारीकी से जांच की, साथ ही स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, चोरों ने इंजन के ईंधन टैंक का वाल्व खोलकर पाइप के जरिए डीजल निकाला। यह भी आशंका है कि वारदात में एक से अधिक व्यक्ति शामिल रहे होंगे, जिन्होंने चोरी के बाद मौके से फरार हो गए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
घटना के कुछ घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग मालगाड़ी के इंजन से पाइप के जरिए डीजल निकालते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पाइप का एक सिरा इंजन टैंक में डाला गया है जबकि दूसरा सिरा कनस्तर में जा रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया और जांच को तेज कर दिया गया।
रेलवे प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश
रेलवे अधिकारियों ने घटना को गंभीर मानते हुए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है। स्टेशन परिसर में अब अतिरिक्त गश्त बढ़ाई जा रही है और रात के समय निगरानी के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं।
इसके साथ ही आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए पूछताछ अभियान भी चलाया जा रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “रेलवे संपत्ति से छेड़छाड़ को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी वारदातें
रेलवे रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में मालगाड़ियों से डीजल चोरी के कई मामले दर्ज हो चुके हैं। चोरी करने वाले गिरोह आमतौर पर ग्रामीण या औद्योगिक क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं और रात के अंधेरे में वारदात को अंजाम देते हैं।
रेलवे सुरक्षा बल ने पहले भी ऐसे कई गिरोहों को पकड़ा है जो बड़े पैमाने पर डीजल की कालाबाजारी में लिप्त थे।
जांच की दिशा
वर्तमान मामले में आरपीएफ ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इस घटना में किसी स्थानीय व्यक्ति या रेलवे कर्मी की मिलीभगत तो नहीं रही।
आरपीएफ की टीम ने आस-पास के गांवों और कबाड़ बाजारों में भी छापेमारी शुरू कर दी है ताकि चोरी हुआ डीजल बरामद किया जा सके।
टिसुआ रेलवे स्टेशन पर हुई यह घटना रेलवे संपत्ति की सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी चूक को उजागर करती है।
लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि रेलवे को ईंधन चोरी रोकने के लिए सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने, स्टेशन परिसरों में अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने और नाइट पेट्रोलिंग बढ़ाने की सख्त जरूरत है।
रेलवे सुरक्षा बल की जांच जारी है और अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में शामिल लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी।