अमरोहा में सपा विधायक महबूब अली पर झूठा शपथ पत्र देने का आरोप, मुस्लिम कमेटी चुनाव में मचा बवाल

Update: 2025-11-04 07:47 GMT

अमरोहा, उत्तर प्रदेश।

अमरोहा जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री महबूब अली पर गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि उन्होंने मुस्लिम कमेटी अमरोहा के चुनाव से जुड़े दस्तावेजों में झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। इस मामले में मुस्लिम कमेटी के कई पदाधिकारियों और सदस्यों ने मुरादाबाद मंडल आयुक्त अंजनेय कुमार को शिकायत पत्र देकर पूरे प्रकरण की जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

क्या है पूरा मामला

 मुस्लिम कमेटी अमरोहा के हाल ही में हुए चुनाव के दौरान कुछ दस्तावेजों में कथित रूप से गलत जानकारी दी गई थी। आरोप है कि सपा विधायक महबूब अली ने चुनाव प्रक्रिया में अपनी स्थिति और पात्रता को लेकर गलत तथ्य और शपथ पत्र प्रस्तुत किया, जिससे चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।

कमेटी के कुछ सदस्यों ने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह कदम न केवल समिति के संविधान के विरुद्ध है, बल्कि कानूनी दृष्टि से भी दंडनीय अपराध हो सकता है।

शिकायत आयुक्त के पास पहुँची

शिकायतकर्ताओं ने मुरादाबाद मंडल आयुक्त को दिए गए पत्र में महबूब अली पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

आयुक्त कार्यालय ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है, हालांकि अभी तक इस पर औपचारिक जांच का आदेश जारी नहीं हुआ है।

राजनीतिक हलकों में हलचल

इस पूरे घटनाक्रम से अमरोहा और आसपास के इलाकों में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। सपा नेता महबूब अली पिछले कई दशकों से अमरोहा की राजनीति में प्रभावशाली माने जाते हैं और वे कई बार विधायक रह चुके हैं।

विपक्षी दलों ने इस प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी पर नैतिकता और पारदर्शिता के सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।

महबूब अली की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

समाचार लिखे जाने तक विधायक महबूब अली या समाजवादी पार्टी की ओर से इस पूरे विवाद पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि वे मामले की जानकारी जुटा रहे हैं और यदि आवश्यक हुआ तो जल्द ही आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की जाएगी।

 

अब सबकी निगाहें मंडल आयुक्त कार्यालय पर हैं, कि क्या इस शिकायत पर कोई जांच समिति गठित की जाती है या नहीं। यदि जांच शुरू होती है और आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह मामला महबूब अली की राजनीतिक साख के लिए एक गंभीर झटका साबित हो सकता है।

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