केवड़िया में प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल के परिवार से की मुलाकात, कहा — "भारत के एकीकरण में उनका योगदान अमूल्य"

Update: 2025-10-30 17:13 GMT

 केवड़िया (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के केवड़िया में भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल के राष्ट्रनिर्माण में किए गए योगदान को याद करते हुए कहा कि भारत के एकीकरण और सशक्त प्रशासन की नींव रखने में उनका योगदान “अमूल्य और प्रेरणादायक” रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात के बाद अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर लिखा,

“केवड़िया में सरदार वल्लभभाई पटेल के परिवार से मुलाकात की। उनके साथ बातचीत करना और राष्ट्र के प्रति सरदार पटेल के योगदान को याद करना अत्यंत सुखद अनुभव रहा।”

प्रधानमंत्री की यह मुलाकात राष्ट्रीय एकता दिवस से एक दिन पहले हुई। हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर केवड़िया स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें देशभर से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने पटेल परिवार के सदस्यों के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत की और सरदार पटेल की ऐतिहासिक भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज का भारत सरदार पटेल की उस दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिसने 500 से अधिक रियासतों को एकजुट कर “एक भारत” की परिकल्पना को साकार किया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि —

“सरदार पटेल न केवल भारत के एकीकरण के शिल्पकार थे, बल्कि उन्होंने प्रशासनिक ढांचे को भी नई दिशा दी। उनका जीवन आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

इससे पहले प्रधानमंत्री ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पहुंचकर सरदार पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित किए और राष्ट्रीय एकता दिवस से जुड़े कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री की यह मुलाकात भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखी जा रही है। सरदार पटेल के परिवार के सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से सरदार पटेल की विचारधारा और उनके कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करते रहे हैं।

गौरतलब है कि सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद देश की 500 से अधिक रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर “एक भारत” की नींव रखी थी।

 

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