“अनोखी लापरवाही: सड़क के बीच में रह गया हैंडपंप, प्रशासन हरकत में”

Update: 2025-10-26 13:04 GMT

डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी

मध्य प्रदेश के सीधी जिले के ग्राम डोलकोठार में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बनी सड़क के बीचोंबीच एक हैंडपंप छोड़े जाने का मामला चर्चा में है। सड़क निर्माण के दौरान हैंडपंप को हटाने के बजाय उसके चारों ओर से सड़क निकाल दी गई। यह दृश्य अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे ग्रामीण विकास विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े हो गए हैं।

हैंडपंप गांव के 10 परिवारों का एकमात्र जलस्रोत

यह सड़क बैगा बस्ती को जोड़ती है और ग्राम पंचायत की देखरेख में तैयार की गई थी। ग्रामीणों के अनुसार, यह हैंडपंप करीब 10 परिवारों के लिए पानी का एकमात्र साधन था। सड़क बनने के दौरान इसे हटाने की बजाय नीचे गड्ढा खोदकर नीचा कर दिया गया। हैंडपंप तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई गईं और चारों ओर लोहे के पाइप लगाकर सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है।

ग्रामीण बोले — विरोध किया, पर नहीं सुनी गई बात

स्थानीय निवासी सचिन सिंह ने बताया कि उन्होंने इस तरह के निर्माण का विरोध किया था। उनका कहना है कि इसके बावजूद सड़क को हैंडपंप के ऊपर से निकाल दिया गया। अब गांव के लोग मजबूरी में उसी हैंडपंप से पानी भर रहे हैं, क्योंकि गांव में दूसरा कोई जलस्रोत मौजूद नहीं है।

जिम्मेदार बोले — “हैंडपंप हटाना हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं”

ग्राम पंचायत सचिव मोतीलाल साकेत ने बताया कि सड़क का निर्माण पुराने रूट पर किया गया था और हैंडपंप हटाने की जिम्मेदारी उनके विभाग की नहीं है। वहीं जनपद सीईओ चंदूलाल पनिका और एसडीएम राकेश शुक्ला ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी।

एसडीएम ने दिए जांच के निर्देश

एसडीएम राकेश शुक्ला ने कहा, “मामले का वीडियो मेरे संज्ञान में आया है। यह सड़क प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बनी है। इस संबंध में जांच कराई जाएगी, और जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी।”

ग्रामीणों की सुरक्षा पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क के बीचोंबीच हैंडपंप बने रहने से यातायात और पैदल चलने वालों की सुरक्षा खतरे में है। बरसात के दिनों में यहां दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है। साथ ही, हैंडपंप के चारों ओर बने सुरक्षा घेरे के रखरखाव पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री जनमन योजना जैसी ग्रामीण विकास परियोजनाओं का उद्देश्य बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करना है, परंतु इस तरह की लापरवाही न केवल योजना की छवि पर सवाल उठाती है बल्कि स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है।

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