भावनगर की पैथोलॉजी लैब में भीषण आग- खिड़कियाँ तोड़कर निकाले गए नवजात सहित 20 से अधिक मरीज,सुरक्षा इंतज़ामों पर उठा बड़ा सवाल
रिपोर्ट : विजय तिवारी
गुजरात के भावनगर में बुधवार सुबह हुए हादसे ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। काला नाला क्षेत्र स्थित Dev Pathology Lab में अचानक भीषण आग भड़क उठी, जिसकी लपटें और धुआँ देखते-ही-देखते पूरे मेडिकल-कॉम्प्लेक्स में फैल गया। यह वही कॉम्प्लेक्स है जिसके अंदर 15 से अधिक अस्पताल, क्लीनिक और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित होते हैं। जैसे-जैसे धुँआ तेजी से फैलता गया, अस्पताल के वार्डों में मौजूद नवजात शिशुओं, गंभीर मरीजों व बुजुर्गों की जान खतरे में पड़ गई और पूरे परिसर में अफरातफरी मच गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन — हिम्मत, गति और मानवता का दुर्लभ उदाहरण
आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड, पुलिस व एम्बुलेंस की टीमों को चौकन्ना किया गया, लेकिन उससे पहले स्थानीय लोग खुद मैदान में उतर आए और रेस्क्यू शुरू कर दिया।
खिड़कियों और काँच को तोड़ा गया, और लैडर व स्ट्रेचर की मदद से मरीजों को खिड़कियों से बाहर निकाला गया
नवजात बच्चों को चादरों में लपेटकर सुरक्षित नीचे पहुंचाया गया
20 से अधिक मरीज (जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और गंभीर अवस्था वाले शामिल) को तेजी से बाहर निकाला गया
मरीजों को तुरंत पास के अस्पतालों में शिफ्ट किया गया, कई को ऑक्सीजन सहायता प्रदान की गई
रेस्क्यू में युवा स्वयंसेवकों, अस्पताल स्टाफ और आम नागरिकों ने कंधे-से-कंधा मिलाकर काम किया—जिसके चलते बड़ी त्रासदी टल सकी।
दमकल विभाग की चुनौती — तेज लपटों से संघर्ष
मौके पर 6 फायर टेंडर और 50 से अधिक दमकल कर्मचारी पहुँचकर आग बुझाने में जुटे रहे
लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया
फिलहाल कूलिंग प्रक्रिया जारी है ताकि आग फिर से न भड़के
प्रशासन ने पूरे परिसर को अस्थायी रूप से खाली करवा दिया है
राहत — कोई हताहत नहीं, लेकिन दहशत गहरी
भले ही आग इतनी भयावह थी, परंतु राहत यह है कि —
अब तक किसी मौत या गंभीर घायल होने की पुष्टि नहीं
सभी मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया
मेडिकल-कॉम्प्लेक्स को पूरी तरह सील कर निरीक्षण शुरू
बड़े सवाल — क्या अस्पतालों में सुरक्षा केवल औपचारिकता?
इस हादसे ने कई चिंताजनक सवाल खड़े कर दिए —
1. 15 अस्पतालों वाला कॉम्प्लेक्स — क्या इतने बड़े स्वास्थ्य ढाँचे में अग्नि-सुरक्षा पूरी थी?
2. इमरजेंसी एग्जिट, फायर-अलार्म और रिस्पॉन्स प्लान क्या सही तरीके से काम करते पाए गए?
3. बेसमेंट में लगी आग — क्या वहाँ स्टोरेज और वेंटिलेशन मानकों का पालन हुआ?
4. यदि सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी पाए जाएँ तो जिम्मेदार कौन?
5. क्या फायर NOC व निरीक्षण प्रमाणपत्र वैध और अद्यतन थे?
प्रशासन की प्रतिक्रिया -
प्रशासन ने आग के कारणों की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए।
कहा गया है कि यदि कोई लापरवाही पाई गई तो कठोर कार्रवाई होगी।
शहर में सभी अस्पतालों की फायर-सेफ्टी ऑडिट की तैयारी भी तेज़ हो गई है
यह हादसा स्पष्ट संकेत है कि अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था कागज़ों में मजबूत, लेकिन जमीन पर कमजोर है।
अगर स्थानीय लोग और फायर ब्रिगेड समय पर एकजुट नहीं होते, तो परिणाम भयावह हो सकते थे।
आज जो बच गया — वह केवल किस्मत और साहस का परिणाम था, न कि व्यवस्था की मजबूती का