चिराग हुए मुखर।
हमला किये जोरदार।।
चाहती नहीं जनता।
सीएम नही कुमार।।
होगी मुझे ग्लानि।
फिर झेलेगा बिहार।।
नाराज है जनता।
कार्यों से असंतुष्ट।।।
अपेक्षित ना विकास।
जनमानस नही खुश।।
जमीनी हकीकत।
आती नही नजर।।
अंतरात्मा न देती इजाज़त।
साथ लड़ने का क्या औचित्य?
कर अलग राह।
अब रहे ना मित्र।।
है जो नाराजगी।
या कसक दीर्घ?
मौसम वैज्ञानिक।
भांप लिये फिर।।
सीएम बने कुमार