ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि एक विचार है - प्रो. यदुनाथ प्रसाद

Update: 2020-03-14 00:40 GMT

वाराणसी


केंद्रीय ब्राह्मण महासभा ने मनाया होली मिलन समारोह

बारिश के बावजूद भी दिखी ब्राह्मणों एकजुटता

जनमानस पत्रिका का हुआ विमोचन

महासभा का वार्षिक अधिवेशन भी हुआ संम्पन्न

ब्राह्मण समाज के विशिष्ट जनों का भी हुआ सम्मान

शुक्रवार को देर सायं केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वार्षिक अधिवेशन एवं होली मिलन समारोह का भव्य आयोजन तुलसीघाट पर हुआ। यह महासभा के 25 वां स्थापना वर्ष है जिसे महासभा ने वर्ष पर्यंत भव्यता के साथ मनाने का संकल्प लिया है।

तय समयानुसार सायं 5 बजे से आयोजन की शुरुवात होनी थी पर भारी बारिश के कारण विलंब से शुरू हुआ। खास बात यह कि वर्षा के बाद भी काफी संख्या में अन्य कई प्रांतों एवं शहर के गणमान्य नागरिक एवं विप्रजन उपस्थित रहे।

प्रारम्भ में शास्त्रार्थ महाविद्यलाय के वैदिक बटुकों ने मंगलाचरण का पाठ किया तदुपरांत भगवान परशुराम जी के चित्र पर मंचस्थ अतिथियों ने माल्यार्पण किया। केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित कमलाकांत उपाध्याय ने अधिवेशन का विषय उपस्थापन रखते हुए संस्था का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा महासभा द्वारा समाजहित में किए जा रहे कार्यों के बारे में बतलाया। स्वागत भाषण देते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा.गणेश दत्त शास्त्री ने मंचस्थ अतिथिजनों का परिचय कराया इसके बाद युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अरुण उपाध्याय ने अपने साथी पदाधिकारियों के साथ सबका माल्यर्पण किया। इसके बाद संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र,पूर्व कुलपति संम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो.यदुनाथ प्रसाद दुबे,महासभा के संस्थापक कर्नल रणजीत उपाध्याय,काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत लोकपति तिवारी ने संस्था की वार्षिक पत्रिका जनमानस का संयुक्त रूप से विमोचन किया।

इसके बाद संस्था द्वारा कर्मठ पदाधिकारियों एवं समाजसेवियों का अंगवस्त्रम व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया जिसमें प्रमुख रूप से डा. मंजुलता त्रिपातजी,सुमन अग्निहोत्री,डा. पल्लवी मिश्र,अंजना दीक्षित,पंडित वीरेंद्र मिश्र,मानस चौबे,आनंद ओझा,हेरम्ब मिश्र,आदि को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट परिश्रम हेतु सम्मानित किया गया। युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.अरुण उपाध्याय ने सभी मंच के सभी युवा पदाधिकारियों को रुद्राक्ष माला भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो.यदुनाथ प्रसाद दुबे ने कहा कि अपने समाज के प्रति सबकी जिम्मेदारी होती है और इन जिम्मेदारियों को संगठन के माध्यम से पूरी की जा सकती हैं। केंद्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा समाजहित में किये जा रहे कार्य सराहनीय हैं। विशिष्ट अतिथि प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र में अपने सम्बोधन में कहा कि पूरे ब्राम्हण समाज को संगठित होने की जरूरत है और संगठित होकर निजहित को त्यागकर सब देशहित में लग जाएं जिसमें सबका कल्याण है। ब्राम्हण केवल जाति नहीं है बल्कि एक विचार है। कार्यक्रम में एकत्रित जनसमुदाय ने फूलों की होली खेली तथा एक दूसरे को अबीर लगाया। सभी ब्राह्मणों ने आपस में मिलकर एक दूसरे को गले लगाकर उल्लास उत्साह प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध गायक डा. अमलेश शुक्ल ने अपने सुमधुर गीतों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने नृत्य भी प्रस्तुत किया। कर्नल रणजीत उपाध्याय,कमलाकांत उपाध्याय,डा.गणेश दत्त शास्त्री,डा.दिनेश तिवारी,डा.अरुण उपाध्याय,डा.आमोद दत्त शास्त्री,राजेश त्रिपाठी,प्रो.श्याम सुंदर पांडेय,रघुनाथ तिवारी,श्रीप्रकाश मिश्र,प्रो.अजीत कुमार शुक्ल,विशाल औढेंकर,प्रो.जे एस त्रिपाठी,पूजा दीक्षितआदि प्रमुख रूप से शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन डा. दिनेश तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन अरुण उपाध्याय ने दिया।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय वाराणसी

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