अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के तुगलकी फरमान से लोगों में आक्रोश, बच्चों को तिरंगा झंडा लाने से किया मना
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी नहीं हुआ आयोजन
विद्यालय प्रबंधन पर देशद्रोह का मुकदमा करने का उठ रहा मांग
सोनभद्र/रेणुकूट
हमें बचपन से ही जहां आन तिरंगा है, शान तिरंगा है, मेरी जान तिरंगा है सिखाया जाता है। और स्वतंत्रता के अभिव्यक्ति बचपन के संस्कारों के साथ रंग दिए जाते हैं। गणतंत्र दिवस भारतीय इतिहास का ऐसा दिवस है जिस दिन हमने पूर्ण स्वतंत्रता पाया। हमारा संविधान लागू हुआ। लेकिन इसके विपरीत नगर में एक ऐसा भी पाठशाला है जो संस्कारों में तिरंगे को लेकर बच्चों में ऐसा भ्रम फैला रहा है जो संविधान की अवधारणा के खिलाफ है। नगर के एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी माध्यम विद्यालय आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल में 26 जनवरी के दिन किसी भी बच्चे को तिरंगा झंडा, टोपी और बैच लाना मना कर दिया गया। इसके लिए बकायदा तीन-चार दिन पूर्व ही बच्चों को सार्वजनिक तौर पर तुगलकी फरमान विद्यालय की प्रधानाचार्य ने दे दिया था। इस फरमान से जहां बच्चे हतप्रभ दिखे वहीं अभिभावकों में खासा आक्रोश दिख रहा है। एक औद्योगिक प्रतिष्ठान द्वारा संचालित अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में 26 जनवरी के दिन बच्चों को कागज के तिरंगे झंडे, टोपी और बैच लाने पर मना कर दिया गया था। विद्यालय के इस फरमान से अभिभावकों में खासा आक्रोश है। उनका कहना है कि ऐसा आदेश भारत के संविधान में आस्था नहीं रखने वाला ही दे सकता है। बताया गया कि विद्यालय परिसर में सभी छात्र-छात्राओं और अध्यापकों को भी साफ तौर पर चेतावनी दे दिया गया था कि गणतंत्र दिवस के दिन कोई भी तिरंगा झंडा, गुब्बारा, टोपी एवं तिरंगे वाली बैंड हाथ में लगाकर नहीं आएगा। और ऐसा हुआ भी रविवार को विद्यालय परिसर में फहराने के लिए केवल एक मुख्य ध्वज को लगाया गया था। बाकी पूरे परिसर में रंग-बिरंगे झंडों के अलावा तिरंगा झंडा भी गायब था। सबसे मजे की बात है कि इस अवसर पर होने वाले सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों को विद्यालय प्रबंधन ने रद्द कर दिया था। सादे समारोह में राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया। अभिभावकों सहित नगरवासी ऐसी हरकत के लिए विद्यालय प्रबंधन और प्रधानाध्यापिका पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने का मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह हर भारतीय का राष्ट्रीय पर्व है। और इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाना चाहिए ना की औपचारिकता पूरा करने का रश्म निभाया जाए। लोगों का आरोप है कि नगर के अधिकतर अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पाश्चात्य पर्वों को तड़क-भड़क और उत्साह पूर्वक मनाते हैं। लेकिन देश के गणतंत्रता दिवस को केवल औपचारिकताओं तक में समेटना विद्यालयों की घातक मानसिकता का परिचायक है। नगरवासियों ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उक्त विद्यालय पर सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने का मांग किया है।
रिपोर्ट-:सर्वेश सिंह रेणुकूट सोनभद्र